Ayushman Card: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 3050 बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड फिंगरप्रिंट स्कैनर पर नहीं आने के कारण बन नहीं पाए हैं। जिले में 70 वर्ष से अधिक के 50,000 बुजुर्ग हैं जिनकी आयुष्मान कार्ड बनने की प्रक्रिया 24 नवंबर से प्रारंभ हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फिंगरप्रिंट स्कैनर पर नहीं आने की जैसी तकनीकी समस्याओं का हल निकालने के लिए शासन को पत्र लिखेंगे, जिससे सभी को लाभ मिल सके।
70 से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड पांच लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिलेगी। जिले में लगभग 47000 बुजुर्गों के एप्लाई हो गए है और करीब तीन हजार बुजुर्गों का आयुष्मान कार्ड सिर्फ इसलिए नहीं बन पा रहा है, क्योंकि उनके फिंगर प्रिंट स्कैनर पर नहीं आ रहे हैं। उम्र अधिक होने के कारण यह समस्या आ रही है, जिसका स्वास्थ्य विभाग या जन सेवा केंद्र संचालकों के पास कोई समाधान नहीं है। ऐसे में निशुल्क चिकित्सा की आस में कार्ड बनवाने पहुंच रहे बुजुर्गों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। आंखों को स्कैन कर आधार से मिलान करने के बाद कार्ड बनाने की चर्चा विभाग में है, लेकिन ऐसी कोई पहल अब तक नहीं हुई है।
अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से पोर्टल पर कोई अधिकृत सूची नहीं आई है। आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्रों के मुताबिक जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है, उनका आवेदन किया जा रहा है।
वहीं वोटर लिस्ट के आधार पर 50 हजार बुजुर्ग इस दायरे में आते हैं। कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिनकी आयु आधार कार्ड के मुताबिक 70 वर्ष से अधिक है, लेकिन उनका आवेदन नहीं हो पा रहा है। इसमें भी स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है। जिन बजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बन जाएंगे, उन्हें अन्य कार्डधारकों की तरह ही जिले के 87 निजी व 29 सरकारी अस्पतालों में निशुल्क चिकित्सा का लाभ मिलेगा।
शहर में टीएमयू, सिद्ध अस्पताल, एपेक्स अस्पताल, विवेकानंद अस्पताल, कॉसमॉस अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों व नर्सिंगहोम में मरीज निःशुल्क चिकित्सा सुविधा ले रहे हैं। वहीं बिलारी, अगवानपुर, कुंदरकी, पाकबड़ा, मूंढापांडे, ठाकुरद्वारा, कांठ आदि के भी निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कुलदीप सिंह ने गुरुवार को बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने व इस संबंध में कोई भी जानकारी लेने लेने के लिए कार्यालय में स्टाफ तैनात है। बुजुर्ग नागरिक यहां आकर लगातार आवेदन कर रहे हैं। फिंगरप्रिंट स्कैनर पर नहीं आने की जैसी तकनीकी समस्याओं का हल निकालने के लिए शासन को पत्र लिखेंगे, जिससे सभी को लाभ मिल सके।