उत्तर प्रदेश शासन के कुशासन के खिलाफ, जनता के सवालों का जवाब लेने के लिए कांग्रेस ने आगामी 18 दिसम्बर को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा का घेराव करने का ऐलान किया है। पार्टी के इस कार्यक्रम में पार्टी के फ्रंटल संगठनों के कार्यकर्ता भी इसमें पूरे दमखम से भाग लेंगे।
शनिवार अपरान्ह में पार्टी के मैदागिन स्थित कार्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने दी। पदाधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ,कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी,लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ,राष्ट्रीय महासचिव/सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में चल रही लोकतंत्र व संविधान बचाने की लड़ाई को मजबूती देने के लिए कार्यकर्ता लगातार कार्य कर रहे है। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि प्रदेश की जनता सरकार के कुशासन से त्राहि-त्राहि कर रही है। सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है और अपनी नाकामी छुपाने के लिए सिर्फ धार्मिक तुष्टिकरण की नीति अपना रही है।
कहा कि बिजली कंपनियों के निजीकरण की साजिश भी हो रही है। प्रदेश के अन्नदाता किसानों के साथ भाजपा सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है। सरकार ने किसानों के हित में कोई काम तो नहीं ही किया, उल्टे उनकी परेशानियों में इजाफा जरूर किया है। अभी बुवाई के समय डीएपी की किल्लत पैदा की गई और फिर उसकी कालाबाजारी हुई। किसान रोता रहा, परेशान होता रहा मगर उसे मजबूर किया गया महंगी खाद खरीदने के लिए।सरकार ने कहा था कि किसानों का बिजली का बिल माफ किया जाएगा। माफी तो छोड़िए बिजली के बिल बढ़े हुए आ रहे हैं। प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अक्षयवट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा पर भी सवाल उठाया। आरोप लगाया कि काशी में विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित अक्षयवट वृक्ष को कॉरिडोर के नाम पर उखाड़ फेंका गया। बताया कि 15 दिसंबर रविवार को पार्टी कार्यकर्ता काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन कर अक्षयवट वृक्ष को खोजने का कार्य करेंगे।