यूपी विधानसभा: कांग्रेस के विधानसभा घेराव की घोषणा को देखते हुए पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रशासन ने कटीले तार लगा दिये हैं। रात से ही तैयारी कर रही पुलिस फोर्स प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से लेकर विधानसभा तक तैनात हैं। पार्टी नेता कार्यालय में रणनीति बना रहे हैं, लेकिन पार्टी नेताओं से ज्यादा पुलिस फोर्स होने के कारण उनकी एक नहीं चल रही है। कई नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है।
कांग्रेस ने पहले ही 18 दिसम्बर को विधानसभा घेराव की घोषणा कर रखी थी। इसको लेकर पुलिस ने भी बुधवार को ही कांग्रेस नेताओं को रोकने की तैयारी शुरू कर दी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने नुकिले तारों से किये गये बैरकेंडिंग को लेकर कहा कि ये ‘भाले’ हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट पहुंचाएंगे। यह सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है। गाजीपुर बॉर्डर पर हमारे कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है, लेकिन हम इस सबके बाद भी विधानसभा में प्रवेश करेंगे।
इस बीच पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, निवर्तमान प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव, दिनेश सिंह सहित दो दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा है। इन नेताओं के घर पर शाम से ही पुलिस का पहरा लगा दिया है।पुलिस ने नोटिस भेजा है कि विधानसभा का तृतीय सत्र चल रहा है। इसमें घेराव से कानून व्यवस्था व विशिष्ट लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिये गम्भीर खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए निषेधाज्ञा अन्तर्गत धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता प्रभावी है। ऐसे में कोई घेराव, धरना व शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है तो आपके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश मुख्यालय पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी को देखते हुए विधान सभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है। विभिन्न जिलों से हजारों कार्यकर्ता लखनऊ पहुंच चुके हैं। वे पुलिस प्रशासन के इस दमनकारी रवैया से पीछे नहीं हटेंगे।उन्होंने कहा कि जैसे मोदी सरकार ने किसानों को रोकने के लिए कांटों की दीवार खड़ी की थी। वैसे ही योगी सरकार ने विधानसभा घेरने जाने वाले कांग्रेसजनों की राहों पर कांटे बिछा दिए हैं। किंतु इस कायराना हरकत से हम डरने वाले नहीं हैं। ना ही ये कांटों वाले ऊंचे-ऊंचे बैरिकेड्स हमारे हौसले और हिम्मत को डिगा पाएंगे। हम इन कांटों को फूल समझकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे। हर हाल में हम विधानसभा का घेराव करके ही रहेंगे।