हिमाचल किसान सभा ने किसानों की समस्याओं और उनके आंदोलन पर सरकार की उदासीनता को लेकर आज उपायुक्त कुल्लू के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में किसानों की लंबित मांगों को पूरा करने और दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हो रहे दमन को रोकने की मांग की गई।
किसान नेता की भूख हड़ताल पर चिंता
हिमाचल किसान सभा के राज्य सचिव होतम सौंखला ने बताया कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल पिछले एक महीने से भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सरकारें उनकी सुध नहीं ले रही हैं। उन्होंने सरकार पर किसानों की मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
सौंखला ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के दबाव में तीन कृषि कानून वापस ले लिए थे, लेकिन अब उन्हें नए तरीके से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को उन्होंने इन कानूनों को पिछले दरवाजे से लाने का हिस्सा बताया। साथ ही खाद्य और उर्वरक सब्सिडी में भारी कटौती को किसानों के हितों पर हमला बताया।
किसान सभा ने दिल्ली में किसानों को रोकने और नोएडा में आंदोलन कर रहे किसानों की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बातचीत कर उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए।
ज्ञापन में राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लेने, किसानों से बिना शर्त बातचीत करने और एमएसपी सहित किसानों की अन्य मांगों को जल्द पूरा करने की बात कही गई है।