उत्तराखंड निकाय चुनाव 2024 को लेकर नगर स्थानीय निकाय सामान्य चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जानकारी दी है कि इस बार मतदान प्रक्रिया को पारंपरिक तरीके से बैलेट पेपर के माध्यम से संपन्न कराया जाएगा। यह फैसला ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है।राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में 2024 के निकाय चुनाव पारंपरिक मतदान प्रक्रिया के तहत बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएंगे। यह कदम जहां चुनावों की पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास है, वहीं इसके सफल क्रियान्वयन के लिए निर्वाचन आयोग और प्रशासन को विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त के अनुसार, कई बार तकनीकी खामियों और ईवीएम को लेकर विवाद उठते रहे हैं। इन विवादों से बचने और चुनाव प्रक्रिया को जनता के बीच अधिक भरोसेमंद बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बैलेट पेपर से चुनाव कराना भले ही थोड़ा समय और संसाधन अधिक लेगा, लेकिन इससे मतदाताओं का विश्वास मजबूत होगा।
तैयारियां जोरों परचुनाव आयोग ने इस निर्णय के बाद तैयारियों को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बैलेट पेपर की छपाई, मतदान केंद्रों पर व्यवस्थाओं की समीक्षा और मतगणना प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। निर्वाचन आयोग का कहना है कि मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रियाबैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने के फैसले पर राजनीतिक दलों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ दलों ने इसे पारदर्शिता की दिशा में सही कदम बताया है तो वहीं कुछ का कहना है कि ईवीएम की प्रक्रिया तेज और सटीक है, इसलिए बैलेट पेपर पर लौटने से अनावश्यक देरी हो सकती है।
चुनाव में मतदाताओं की भूमिका अहमराज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी मतदान केंद्रों पर समुचित व्यवस्था होगी ताकि मतदाता बिना किसी परेशानी के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।