कानपुर :  जेब में थी पहचान, वारिस खोजती रही पुलिस

भास्कर ब्यूरो

  • पुलिस का कारनामा, परिजनों ने उठाई परेशानी
  • बिना तलाशी पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम को भेजा

कानपुर देहात : कन्नौज से आलू लेकर निकले ट्रक चालक को रनिया में हाईवे पार करने के दौरान किसी वाहन ने टक्कर मार दिया। एनएचएआई के एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया। वहां उनके प्राण निकल गए।‌ जिला अस्पताल चौकी इंचार्ज ने शव के पहचान की रस्म अदायगी करके पंचनामा भरा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तीन दिन शव पहचान के लिए रखा रहा। सोमवार को जब नंबर आया तो इस दरमियान पोस्टमार्टम से पहले कर्मचारियों ने तलाशी ली। फिर वह हैरान रह गए उसके जेब से मोबाइल निकाला। दो मिनट में शिनाख्त हो गई। इस बीच परिजन उसकी तलाश में परेशान घूमते रहे।

कन्नौज जिले के रौली गांव निवासी राजेश (35) ट्रक चालक हैं। वह 20 फरवरी को ट्रक में आलू लादकर चकरपुर मंडी के लिए निकले थे। रात में ट्रक खड़ा कर रनिया के एक ढाबा पर खाना खाने गए। वहां खाने बाद पैदल हाईवे पार कर रहे थे तभी किसी वाहन ने टक्कर मार दिया। इससे उनकी मौत हो गई। वहां एनएचएआई के एंबुलेंस से जब जिला अस्पताल भेजा गया तब उनकी मौत हो चुकी थी।

अस्पताल के मेमों पर जिला अस्पताल चौकी इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने पंचनामा भरा। उन्होंने शव की तलाशी लेने की भी जहमत नहीं उठाई। शिनाख्त की रस्म अदायगी करके पंचनामा भर कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव 72 घंटे शिनाख्त के लिए रखा रहा जबकि उसकी जेब में मोबाइल पड़ा था। अगर चौकी इंचार्ज तलाशी लेते तो तत्काल शिनाख्त हो जाती। इधर ट्रक चालक के लापता होने पर उसके परिजन और ट्रक मालिक तलाश करते रहे। पोस्टमार्टम के लिए शव का नंबर आया तो वहां के कर्मचारियों ने कपड़ों की तलाशी ली। उन्हें मोबाइल पड़ा मिला जिससे परिजनों से संपर्क हो गया। परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।

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