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- वर्चस्व दिखाने के लिए असलहों से लैस दबंगों का खदान पर धावा
- दर्जनों वाहनों से खदान में पहुंचे थे सैकड़ों लोग, असलहे लहराए
फतेहपुर । गुरुवार को ललौली थाना क्षेत्र की अढावल 10 नंबर मोरंग खदान रणक्षेत्र बन गई, जब लेन – देन को लेकर तकरार, हिंसक संघर्ष में बदल गई। असलहों से लैस दबंगों ने खदान पर कब्जा करने की कोशिश की, घंटो तक वाहनों और गुंडों की संख्या दिखाकर वर्चस्व का नंगा नाच चलता रहा, जिससे इलाके में दहशत फैल गई ।
बता दें कि अढावल 10 नंबर खदान का पट्टा मेसर्स गोविंदा इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्रा लिमि. के नाम है जिसके निदेशक मनोज पांडे हैं। बताते हैं सोमवार को एक स्थानीय दबंग ने गुर्गों के साथ मिलकर खदान पर धावा बोल दिया। इस दौरान कई अराजक तत्वों ने खुलेआम असलहे लहराए और धमकी भरे अंदाज में कब्जे की कोशिश की। इस दौरान कई दर्जन गाड़ियों का काफिला खदान पर आ धमका, जिससे वहां काम कर रहे मजदूर और इलाकाई लोग दहशत में आ गए।
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। खदान से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टनरों में आपस में सामान्य विवाद है जिसका लाभ स्थानीय अराजक तत्व लेना चाहते हैं एक पक्ष को हवा देकर मामले को सुलझाने के बजाय वह खदान में जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। अगर पुलिस प्रशासन ने जल्द मामले में कार्रवाई नहीं की, तो यह विवाद और भड़क सकता है, जिससे कोई भी घटना घट सकती है। मामले को लेकर पट्टेधारक मनोज पांडे ने बताया कि, एक स्थानीय दबंग जान से मारने की धमकी दे रहा है जिसकी शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से की है।
ललौली पुलिस की भूमिका संदिग्ध –
बता दें कि पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। चर्चा है कि एक स्थानीय दबंग पुलिस की सेटिंग करने का दंभ भरता है उसने थाने के दरोगा का जन्मदिन भी खदान के खर्चे से मनवाया। जिससे स्थानीय पुलिस उसके इशारे पर काम कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब दबंगों ने असलहों के बल पर खदान पर कब्जे की कोशिश की, तब पुलिस मौके से गायब हो गई।
इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा है कि स्थानीय पुलिस ने जानबूझकर आंखें मूंद ली हैं, जिससे दबंगों को बेखौफ होकर गुंडई करने का मौका मिल गया। घटना के बाबत थाना प्रभारी वृन्दावन राय ने बताया कि खदान के पार्टनर कुंभ मेला गए थे, वापसी के दौरान खदान में घूमने के वास्ते चले गए थे। कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है। हालांकि कुंभ में असलहों का क्या काम, इस सवाल का जवाब थानाध्यक्ष नहीं दे पाए।