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- पहला महन्त नारायण दास ने लगातार चौथे वर्ष बजाया डंका
- पहले पड़ाव कोरोना की तरफ बढ़ चला रामादल
- संत-महंतों के भव्य रथ बने आकर्षण का केंद्र
नैमिषारण्य-सीतापुर। शनिवार सुबह 4 बजे वो शुभ घडी आ ही गई जब देश के विभिन्न प्रान्तों के लाखो श्रद्धालुओं के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालुओं के मंगल गान के साथ नैमिष तीर्थ की 84 कोसीय परिक्रमा यात्रा का महंत नन्हकू दास द्वारा डंका बजाने के साथ ही भक्ति में डूबे शंख, ढोल, मंजीरे, नगाड़े खंजड़ी की पारंपरिक धुन के बीच अखंड राम नाम संकीर्तन के साथ महर्षि दधीचि द्वारा अखण्ड विश्व कल्याण ले लिए प्रारम्भ की गई।
आस्था, धर्म और अध्यात्म की सनातन धर्मयात्रा का 88 हजार ऋषियों की पावन तपोभूमि नैमिषारण्य तीर्थ से भक्तिमय शुभारम्भ हो ही गया। इस यात्रा में भक्ति और मोक्ष की कामना से भाग ले रहे। लाखों श्रद्धालुओं का इस परिक्रमा के प्रति उत्साह देखते ही बन रहा था। हालात कुछ यूं थे कि आज इस यात्रा में धर्मपथ की कठिन डगर पर एक ओर जहां देश विदेश के लाखों श्रद्धालुगण जयकारों, लोकगीतों और संकीर्तन की मस्त फुहारों में भीगते नजर आ रहे थे, जिसमें कोई सन्त जहां फक्कड़ भाव से चिमटा बजाते हुए अपनी ही धुन में गुनगुनाता जा रहा था तो कोई सन्त घोड़े हाथी पर बैठ कर परम्परा का निर्वहन करते दिख रहा था। कहीं कोई सन्त डमरू की धुन पर सबको मंत्रमुग्ध कर रहा था तो कोई सन्त पूरे लाव लश्कर के साथ लक्जरी गाड़ियों से धर्मपथ पर बढ़ चुका था।
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यहां विभिन्न प्रदेशों के यात्रियों द्वारा परम्परागत लोकगीतों का मधुर स्वर बरबस सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है तो ‘नैमिष धाम की जय’, ‘बोल कड़ाकड सीताराम’, ‘जय श्रीराम’, ‘राधे राधे’, ‘नैमिष धाम की जय’ के तेज जयकारे एक अलग ही धार्मिक माहौल का अहसास दे रहे थे। जब ये धर्मयात्रा गांवों से गुजर रही थी तो परिक्रमा मार्ग के किनारे खड़े ग्रामीण बच्चे भी जोर-जोर से जयकारे लगाकर अपने स्तर से परिक्रमार्थियों का उत्साह बढ़ा रहे थे। महर्षि दधीचि के त्याग व प्राणियों के मोक्ष के लिए की गई सिद्धि बुद्धि मुक्ति की परिचायक इस परिक्रमा में भारत देश के मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तरांचल, राजस्थान, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र आदि प्रदेशो समेत पड़ोसी देश नेपाल, भूटान के भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण सनातन धर्म परम्परा का पालन करते हुए इस परिक्रमा का भाग बन खुद को भाग्यशाली महसूस कर रहे थे।
सुबह 3 बजे से शुरू हुआ परिक्रमार्थियों की तैयारी का क्रम –
शनिवार सुबह से ही परिक्रमार्थियों ने आदि गोमती गंगा व चक्रतीर्थ में स्नान दर्शन का क्रम शुरू कर दिया था। स्नान दर्शन के बाद जब घड़ी की सुई 4 बजे पहुंची तब पहला आश्रम महंत नारायण दास जी द्वारा डंके की पारंपरिक ध्वनि की धार्मिक गूंज नैमिष तीर्थ की हवाओं में गूँजने लगी और लाखों परिक्रमार्थियों का कारवां इस पवित्र धर्म यात्रा में राम नाम जयकारे के साथ निकल पड़ा।
परिक्रमार्थियों पर हुई पुष्पवर्षा –
नैमिषारण्य के पं. पुरुषोत्तम शास्त्री बताते हैं कि इस सनातन यात्रा के क्रम में आज लगातार पांचवे वर्ष प्रशासन द्वारा अनूठी पहल की गई जिसके चलते आज सुबह मिश्रिख एसडीएम अनिल रस्तोगी, नायब तहसीलदार रामसूरत यादव द्वारा चक्रतीर्थ पुजारी राजनाथ पांडेय के सानिध्य में बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रोचार के मध्य सबसे पहले 84 कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष व पहला आश्रम महंत नन्हकू दास, सचिव व बनगढ़ महंत सन्तोष दास खाकी, व्यास पीठाधीश अनिल कुमार शास्त्री, महामंडलेश्वर विद्यानन्द सरस्वती सहित संत-महंतों का माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया गया।
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इसके बाद परंपरागत ढंग से डंका लेकर चलने वाले घोड़े और डंके का पूजन किया गया। इसी क्रम में इस अद्भुत परिक्रमा में प्रतिभाग कर रहे सभी प्रारंभिक परिक्रमार्थियों का मिश्रिख-नैमिषारण्य नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि बब्लू सिंह, सीओ दीपक सिंह, थाना प्रभारी पंकज तिवारी व प्रशासन कर्मियों तथा जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया वहीं सभी परिक्रमार्थियों के ऊपर पुष्प वर्षा भी की गई
फेसबुक लाइव और सेल्फी का भी दिखा जुनून –
इस परिक्रमा में जहां बड़े बूढ़ों का उत्साह देखते ही बन रहा था वही युवा और महिलाएं भी कहीं से भी इस धर्म पद पर पुण्य प्राप्ति में पीछे नहीं दिख रहे थे। महिला श्रद्धालु जहां फेसबुक लाइव के माध्यम से अपने परिवार व सहेलियों को इन अनमोल क्षणों का साक्षी बनाने के लिए मोबाइल पर बिजी थी वहीं भिंड एमपी की भी तीन महिला श्रद्धालु सेल्फी के माध्यम से इन लम्हों को संजो रही थी। इसी कड़ी में साधु-संत व पुलिसकर्मी भी वीडियो कॉल के माध्यम से अपने भक्तों व परिजनों को इस यात्रा का दीदार कराते दिखे।
व्यासपीठाधीश व महंतों के हाईटेक भव्य रथ, पालकी व बैलगाड़ी रहीं आकर्षण का केंद्र –
इस बार व्यासपीठाधीश अनिल शास्त्री की अध्यक्षता में महर्षि वेदव्यास, महर्षि दधीचि व श्रीराम दरबार के विग्रहों से सजे भव्य रथ श्रद्धालुओं में आकर्षण का केंद्र रहे। व्यास गद्दी से व्यासपीठाधीश की अध्यक्षता में प्रारम्भ ये दिव्य यात्रा पहले चक्रतीर्थ पहुंची जहां पर पारंपरिक पूजन के बाद अनिल शास्त्री का दल पहले पड़ाव की ओर बढ़ चला। रास्ते में कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने व्यासपीठाधीश का पुष्पवर्षा के बीच माल्यार्पण व अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत अभिनंदन किया। 84 कोसीय परिक्रमा समिति के अध्यक्ष व पहला आश्रम महंत नन्हकू दास चौथी बार परम्परागत पालकी की बजाय इस बार मॉडीफाईड क्रूजर पर सजे धजे हाईटेक रथ पर इस परिक्रमा मार्ग पर निकले।
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वहीं बनगढ़ महंत सन्तोष दास खाकी ने भी मोडीफाइड रथ का प्रयोग किया। इसी कड़ी में स्वामी वीरेंद्राचार्य पुरी सजी संवरी जिप्सी से परिक्रमा को चल पड़े, परिक्रमा में पैदल परिक्रमारियों के साथ ही साइकिल, बैलगाड़ी, ऑटो रिक्शा, घोड़े, खच्चर और पुरानी जीपों के साथ ही जुगाड़ से बनाए गए थ्री व्हीलर्स की भी झलक दिखी। जिनको देखने के लिए ग्रामीण उत्साहित दिखे वहीं बच्चे इनको देखकर तालियां बजाते नजर आए।
नगर पालिका की अगवानी व्यवस्था ने जीता दिल –
इस बार नगर पालिका परिषद मिश्रित नैमिषारण्य द्वारा ललिता देवी मंदिर चौराहे पर नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि बब्लू सिंह की अगुवाई में संत-महंत व परिक्रमार्थियों का स्वागत अभिनन्दन कर उन पर पुष्प वर्षा की गई। इस मौके पर पालिका प्रशासन द्वारा 2 लोडर व हाइड्रोलिक मशीन द्वारा 3 कुंटल फूलों से पुष्पवर्षा के साथ ही परिक्रमार्थियों के स्वागत को 2 भव्य स्वागत द्वार बनाए गए। स्वागत के दौरान सभासद रौनक तिवारी, नरेश वर्मा, आशीष कश्यप, ऋषभ गुप्ता, रुद्रदेव, श्याम किशोर आदि लोग उपस्थित रहे।
इस बार बढ़ी भव्यता-भण्डारों की रही धूम –
इस बार एक ओर जहां परिक्रमा मार्ग अंतर्गत ग्राम सभा भैरमपुर, परसपुर, औरंगाबाद, करुआमऊ, कुनेरा, कोरोना के प्रधानों द्वारा मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था की सुविधा दिखी वहीं श्रद्धालुओं के स्वागत में भैरमपुर रोड पर स्थित रहस बिहारी परसादी लाल हनुमत आश्रम में सर्वरहकार हीरा देवी, अशोक कुमार और रामकिशोर बाबा भारती के द्वारा हलुआ और चना वितरित किया गया इसी कड़ी में नैमिषारण्य तीर्थ से लेकर कोरोना तक 50 से अधिक स्थानों पर भंडारों और चाय नाश्ता का आयोजन होता दिखा।
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वहीं कई जगह ग्रामीणों ने चाय-नाश्ते के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत अभिनंदन किया। इस दौरान औरंगाबाद गांव में प्रधान प्रतिनिधि आकिफ बेग द्वारा सर्वधर्म समरसता का संदेश देते हुए पिछले वर्ष की तरह मुस्लिम समाज द्वारा परिक्रमा समिति के महंत, सचिव, व्यासपीठाधीश, संत महंतों व श्रद्धालुओं का माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया गया।
जनप्रतिनिधियों की दूरी रही चर्चा का विषय –
नैमिषारण्य तीर्थ की 84 कोसीय परिक्रमा न केवल सीतापुर बल्कि पूरे प्रदेश व देश के लिए गौरव का विषय है। इस पावन धर्मयात्रा में प्रदेश और देश ही नही बल्कि विदेशों बड़ी संख्या में आये श्रद्धालुओं की आवक के बावजूद क्षेत्रीय विधायक रामकृष्ण भार्गव, क्षेत्रीय सांसद अशोक रावत, क्षेत्रीय ब्लॉक प्रमुख रामकिंकर पांडेय की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही। ऐसे में एक तरफ जहां पीएम मोदी और सीएम योगी तीर्थ में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नित नई योजनाओं को आकार देने पर कार्य कर रहे हैं वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की ही इस महत्वपूर्ण अवसर पर गैर मौजूदगी व आयोजन से दूरी पीएम व सीएम के महत्वाकांक्षी विजन को ही ठेंगा दिखाती दिखी।