प्रयागराज: जख्मी होने के बाद भी मेले की ड्यूटी में डटे रहे पुलिसकर्मी, निष्ठा और समर्पण का बने मिसाल

प्रयागराज। झूंसी महाकुम्भ मेले का गुरुवार को मुख्यमंत्री ने समापन किया सभी सड़को पर यातायात सामान्य रहा मेले की ड्यूटी में लगी पुलिस ने भी राहत की सास ली, महाकुम्भ की भव्यता के बीच श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल पूरी निष्ठा से जुटा हुआ है। पूर्वांचल और नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं का सबसे अधिक दबाव झूंसी में था, जिससे पुलिस कर्मियों पर जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है।

ड्यूटी के दौरान कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन इसके बावजूद वे ड्यूटी पर डटे हुए थे। मौनी अमावस्या के दिन टीकरमाफी मोड़ पर यातायात व्यवस्था में लगे एसओ झूंसी उपेंद्र प्रताप सिंह और छतनाग चौकी इंचार्ज दीपक जायसवाल जख्मी हो गए थे। चौकी इंचार्ज की कलई में फ्रैक्चर हो गया, जबकि एसओ के चेहरे पर चाबी से गंभीर चोट आई। गनीमत रही कि उनकी आंख बच गई, लगातार ड्यूटी के दौरान उनके पैर में छाले पड़ने की वजह से पूरा पैर जख्मी हो गया है।

थाने में तैनात दरोगा विपिन यादव भी लगातार ड्यूटी करते हुए बीमार पड़ गए, लेकिन उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी नहीं छोड़ी। दवा खाकर वे जिम्मेदारी निभाते रहे। नई झूंसी चौकी इंचार्ज सूर्यकान्त सिंह अखाड़ों के नगर प्रवेश के दौरान घायल हो गए थे। एक अखाड़े के जुलूस में शामिल ट्रैक्टर उनके पैर पर चढ़ गया, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

सेवा की मिसाल बने झूंसी के पुलिसकर्मी इन घटनाओं के बावजूद झूंसी के पुलिसकर्मियों ने हार नहीं मानी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कुंभ मेले की व्यवस्था बनाए रखने के लिए वे पूरी ताकत से जुटे हुए हैं। उनकी निष्ठा और समर्पण प्रशासन के लिए मिसाल बन गया है। इस साहसिक सेवा भावना ने न केवल पुलिस विभाग का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में भी इन कर्मठ जवानों के प्रति गहरा सम्मान पैदा कर दिया है।

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