सिद्धार्थनगर: बेहतर भविष्य एवं वैज्ञानिक प्रगति का प्रेरक है राष्ट्रीय वैज्ञानिक दिवस – ई. इरशाद अहमद

सिद्धार्थनगर । आप शायद जानते होंगे कि 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है । लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है ? मुझे यकीन है कि आपने प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन के बारे में भी सुना होगा। इस दिन 1928 में उन्होंने फोटॉन के बिखराव की एक घटना की खोज की थी ।

यह बातें शुक्रवार को जिला मुख्याल के प्रतिष्ठित स्कूल खैर पब्लिक स्कूल के प्रांगण में आयोजित राष्ट्रीय वैज्ञानिक दिवस के अवसर पर आयोजित एक दिवसीय छात्राओं द्वारा बनाई गई वैज्ञानिक उपकरण एवं उसके उपयोग पर वैज्ञानिक प्रदर्शनि का फीता काटते बतौर मुख्य अतिथि खैर टेक्निकल इंस्टिट्यूटरन डुमरियागंज के डायरेक्टर ई० इरशाद अहमद ने कही ।

उन्होंने कहा कि जनपद मुख्यालय का खैर पब्लिक स्कूल के बालक बालिकाओं के तरफ से खोज और विज्ञान के क्षेत्र में की गई प्रयास काफी सराहनीय रहा । यही प्रयास एक दिन समाज में विज्ञान के योगदान पर प्रकाश डालने का कार्य करेगा । स्कूल के बालक बालिकाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में किया गया बहुत ही बेहतर प्रयास है ।

पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल कौशल कुमार श्रीवास्तव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल में लगभग 1200 बालक बालिकाओं का शिक्षा ग्रहण अनवरत रूप से किया जा रहा है । राष्ट्रीय विज्ञान दिवस में लगे विज्ञान प्रदर्शनी में स्कूल के कक्षा 5 से कक्षा 11 तक के छात्रों ने प्रतिभागअपने जौहर का वैज्ञानिक रूप को प्रदर्शित कर लोगों का मन मोह लिया । यह बालकों द्वारा किया गया बेहतर प्रयास रहा।

उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को उनके इस प्रयास और खोज के बाद में उनके नाम पर ‘रमन प्रभाव’ के रूप में जाना जाने लगा । यही नहीं दो साल बाद 1930 में उन्हें इस उल्लेखनीय खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला । और यह विज्ञान के क्षेत्र में भारत के लिए पहला नोबेल पुरस्कार था। उनकी प्रसिद्ध घटना की खोज को चिह्नित करने के लिए, प्रत्येक वर्ष इस दिन भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

अंत स्कूल के डायरेक्टर रियाहमद ने कार्यकम में आए और प्रतिभाग किए छात्र छात्राओं एवं अभिभावकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि रष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का मूल उद्देश्य लोगों के बीच विज्ञान के महत्व और इसके अनुप्रयोग का संदेश फैलाना है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल भारत में मुख्य विज्ञान उत्सवों में से एक के रूप में मनाया जाता है।

लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के महत्व के बारे में व्यापक रूप से संदेश फैलाने के लिए । मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना। विज्ञान के विकास के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा करना तथा नई प्रौद्योगिकियों को लागू करना और देश में वैज्ञानिक सोच रखने वाले नागरिकों को अवसर देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोक प्रिय बनाना है।

इस अवसर पर मोहम्मद मुर्तजा ,वाइस प्रिंसिपल इश्तियाक अहमद , मौलाना रफी अहद नदवी ,मौलाना मोहम्मद जैद अहमद ,मास्टर रिजवान अहमद , मुख्तार अहमद , इमरान अहमद , महिला शिक्षिका सरिता जायसवाल , सृष्टि कसौधन, स्कूल के बालक और बालिकाओं सहित स्कूल अन्य की उपस्थिति रही ।

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