
झांसी। विशेष न्यायालय (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) के न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा प्रथम की अदालत ने प्रेमिका के भाई की गोली मारकर हत्या करने के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त प्रेमी और उसके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, दोनों दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है।
मामले का संक्षिप्त विवरण –
विशेष शासकीय अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि यह घटना 23 फरवरी 2024 को ग्राम खैरा में हुई थी। पीड़ित पक्ष के अनुसार, मृतक अंगद की बहन की शादी मध्यप्रदेश के डबरा जिले में संतोष नामक युवक से हुई थी। हालांकि, पड़ोसी जितेंद्र पाल के साथ उसका प्रेम संबंध हो गया, जिसके चलते 14 फरवरी को वह उसके साथ भाग गई थी।
परिजनों की शिकायत पर जब पुलिस में मामला पहुंचा, तो दोनों पक्षों के बीच सुलह हो गई, और युवती को घर वापस लाया गया। लेकिन 23 फरवरी को जितेंद्र पाल अपने साथी बृजकिशोर के साथ बाइक (एमपी 32 जेड ए 6815) से मृतक के घर पहुंचा और उसकी बहन से बातचीत करने लगा। इस दौरान विवाद बढ़ गया और जितेंद्र ने तमंचे से गोली चला दी, जिससे अंगद गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजन उसे अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस कार्रवाई और कोर्ट का फैसला –
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जितेंद्र पाल और उसके साथी बृजकिशोर को गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने खुलासा किया कि मृतक अंगद अपनी बहन के जितेंद्र से संबंधों का विरोध करता था, जिसके चलते जितेंद्र ने अपने साथी के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
मामले में सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर विशेष न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही, अदालत ने 50-50 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता विपिन कुमार मिश्रा ने मामले की पैरवी की।
यह मामला पारिवारिक मान्यताओं और असहमति के कारण हुई एक जघन्य हत्या को दर्शाता है। अदालत के इस फैसले से अपराधियों को कड़ा संदेश मिलेगा कि कानून के तहत किसी भी अपराध की सजा अवश्य मिलेगी।