
कोरांव, प्रयागराज। रविवार के दिन तहसील कोरांव मे स्थापित ग्राम न्यायालय का आखिरकार मुख्य अतिथि न्याय मूर्तिसिद्दार्थ वर्मा प्रशासनिक जज इलाहाबाद के द्वारा फीता काटकर शुभारम्भ किया गया इसके बाद बना ग्राम न्यायालय के भवन का निरीक्षण किया इसके बाद तहसील मे बना सभागार मे अपने सुझाव कों रखा इसके बाद वापस लौट गए न्याय मूर्ति के अलावा संरक्षक जिला एवं सत्र न्यायाधीश इलाहाबाद संतोष राय संयोजक न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय कोरांव अभय दीप विश्वकर्मा समेत अन्य सम्मानित अधिवक्तागण पुलिस बल समेत अन्य कई जिले सें आये अधिकारिगण मौजूद रहे
ग्राम न्यायालय का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है जो ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहुंच को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। ग्राम न्यायालय का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहुंच को आसान और सुलभ बनाना है, ताकि लोगों को अपने विवादों और समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में आसानी हो।
ग्राम न्यायालय के शुभारंभ से ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- न्याय की पहुंच में वृद्धि
- विवादों का शीघ्र समाधान
- ग्रामीण क्षेत्रों में न्यायिक सेवाओं की उपलब्धता
- लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करना
ग्राम न्यायालय खोलने का मुख्य उद्देश्य है:

- ग्राम न्यायालय का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहुंच को बढ़ाना है, ताकि लोगों को अपने विवादों और समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में आसानी हो।
- विवादों का शीघ्र समाधान: ग्राम न्यायालय में विवादों का शीघ्र समाधान किया जाता है, जिससे लोगों को अपने विवादों का समाधान प्राप्त करने में कम समय लगता है।
- न्यायिक सेवाओं की उपलब्धता: ग्राम न्यायालय में न्यायिक सेवाएं उपलब्ध होती हैं, जिससे लोगों को अपने अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना: ग्राम न्यायालय का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना है, जिससे समाज में सामाजिक सौहार्द और शांति बनी रहे।
- न्याय की लागत को कम करना: ग्राम न्यायालय में न्याय की लागत कम होती है, जिससे लोगों को अपने विवादों का समाधान प्राप्त करने में आर्थिक बोझ कम होता है।
इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ग्राम न्यायालय कार्य करता है।