
दिल्ली में स्थित NIA मुख्यालय में 14×14 फीट का वो कमरा, जहां 26/11 हमलों का मुख्य आरोपी तहरीक-ए-हाफिज़ साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को रखा गया है. अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद तहव्वुर राणा को गुरुवार रात भारत लाया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच सीधे NIA मुख्यालय पहुंचाया गया. यहां उसे अत्यंत संरक्षित और निगरानी में रखे जाने वाले एक विशेष सेल में रखा गया है, जो हर तरफ से सीसीटीवी कैमरों से घिरा है और हर समय सुरक्षा गार्ड्स की निगरानी में है.
64 साल का तहव्वुर राणा को NIA की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे 18 दिनों की रिमांड पर भेज दिया. विशेष NIA न्यायाधीश चंदर जीत सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान गैर-जरूरी स्टाफ को कोर्ट से बाहर कर दिया गया था.
कहां रखा गया है ताहावुर राणा?
तहव्वुर राणा को दिल्ली के NIA मुख्यालय में एक बेहद सुरक्षित, 14×14 फीट के विशेष कक्ष में रखा गया है. इस कक्ष में बहु-स्तरीय डिजिटल सुरक्षा व्यवस्था स्थापित की गई है. पूरा कक्ष CCTV कैमरों की निगरानी में है और केवल 12 अधिकृत NIA अधिकारियों को ही इस कक्ष में प्रवेश की अनुमति है. सेल में फर्श पर बिछा हुआ एक साधारण बिस्तर, एक संलग्न शौचालय और भोजन, पानी, दवाइयों की आपूर्ति अंदर ही की जा रही है ताकि उसकी गतिविधियों को न्यूनतम किया जा सके.
तहव्वुर राणा से पूछताछ का सिलसिला
तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया. एयरपोर्ट से सीधे उसे NIA मुख्यालय ले जाया गया और रात में ही अदालत में पेश किया गया. चूंकि उसके पास निजी वकील नहीं था, अदालत ने दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी के माध्यम से अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को उसकी ओर से नियुक्त किया. अब उसे NIA की हिरासत में रखकर गहन पूछताछ की जाएगी. पूछताछ के दौरान उसकी हर गतिविधि दोहरे कैमरा सेटअप से रिकॉर्ड की जाएगी. पूछताछ के दौरान छोटे-छोटे ब्रेक्स भी दिए जाएंगे, लेकिन दिनचर्या पूरी तरह नियोजित रहेगी.
8 केंद्रीय एजेंसियों ने पूछताछ की अनुमति मांगी
सूत्रों के अनुसार, देश की 8 प्रमुख केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों ने राणा से पूछताछ के लिए अनुमति मांगी है. तहव्वुर राणा को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका के लिए जाना जाता है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. उसका नाम डेविड कोलमैन हेडली के साथ जुड़ चुका है, जो पहले ही NIA के सामने अपना इकबालिया बयान दे चुका है.
कड़ी सुरक्षा और अदालती निगरानी में जांच
NIA इस पूरी जांच को सर्वोच्च गोपनीयता और सुरक्षा में रख रही है. जहां तहव्वुर राणा को रखा गया है वो सेल देश के सबसे संवेदनशील कैदियों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें किसी भी तकनीकी चूक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई है. इस मामले को लेकर अब देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निगाहें भारत की जांच एजेंसियों पर टिकी हैं.