
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला पूरे देश को झकझोर गया है. 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या ने हर भारतीय के दिल में आक्रोश और शोक भर दिया है. अब इस हमले से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. आतंकियों की पहचान, उनके हमले की रणनीति और पीड़ितों के परिजनों की दिल दहला देने वाली गवाही.
हमले में मारे गए एक पुणे के व्यापारी की बेटी असावरी ने जो खुलासा किया है, उसने हमले की क्रूरता और धार्मिक आधार पर टारगेटिंग की भयावह सच्चाई सामने रख दी है.
पहलगाम हमले के गुनहगारों की पहचान
हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकियों की स्केच सामने आ चुकी है. इनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान साह और अबू तलहा के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि हमला करने के बाद ये आतंकी पास के पहाड़ी जंगलों में छिप गए हैं. उन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
दो हफ्ते पहले भारत में घुसे थे आतंकी
जांच एजेंसियों के अनुसार, ये आतंकी लगभग दो हफ्ते पहले भारत में दाखिल हुए थे. बताया जा रहा है कि इन्होंने राजौरी से वधावन होते हुए पहलगाम तक का रास्ता तय किया था. रियासी और उधमपुर जिलों से होते हुए उन्होंने घाटी में प्रवेश किया.
पुरुषों को निशाना बना रहे थे आतंकी
हमले की चश्मदीद गवाह असावरी ने बताया कि आतंकियों ने खासतौर पर पुरुष पर्यटकों को निशाना बनाया. ‘उन्होंने पहले धर्म पूछा, फिर गोलियां चलाई. उन्होंने पुलिस की तरह कपड़े पहन रखे थे, जिससे शुरुआत में हमें भ्रम हुआ. हम डर से पास के तंबू में छिप गए थे,’ असावरी ने बताया.
कलमा न सुनाने पर मारी गोलियां
असावरी ने आगे बताया, ‘आतंकी पहले हमारे टेंट के पास आए और गोलीबारी शुरू कर दी. फिर उन्होंने मेरे पिता को बाहर बुलाया और कहा, ‘चौधरी तू बाहर आ जा’. उन्होंने मोदी जी का समर्थन करने का आरोप लगाया और फिर मेरे पिता से इस्लाम की आयत सुनाने को कहा. जब वह नहीं सुना सके, तो उनके सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां मार दीं. मेरे चाचा को भी आतंकियों ने चार-पांच गोलियां मारीं.’