वाटर स्ट्राइक : चिनाब का पानी अब नहीं जाएगा पाकिस्तान, मंत्री बोले- एक बूंद भी नहीं देंगे

नई दिल्ली । भारत ने चिनाब नदी का पानी पाकिस्तान की ओर जाने से रोक दिया है, जिसका असर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में देखा जा रहा है। वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाए।

चिनाब नदी पर बने बगलिहार जलविद्युत परियोजना के जरिए भारत ने नदी के पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना शुरू कर दिया है। इस कदम के बाद, पाकिस्तान के सियालकोट, पंजाब में स्थित मारला हेडवर्क्स के स्थानीय लोगों ने बताया कि चिनाब नदी में पानी का स्तर काफी कम हो गया है। चिनाब नदी पाकिस्तान के कृषि और पेयजल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाए।

पाटिल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई निर्देश जारी किए हैं और उन पर अमल के लिए यह बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि शाह ने बैठक में इन निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत से पानी की एक भी बूंद पाकिस्तान में न जाने पाये। बता दें कि भारत ने 24 अप्रैल को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। यह फैसला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर लिया गया।

सूत्रों ने बताया कि सरकार अपने निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पाटिल के अलावा कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। भारत ने पहले ही पाकिस्तान को संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने संबंधी अपने निर्णय से अवगत करा दिया है और कहा है कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को सीमा पार से लगातार आतंकवाद के जरिए निशाना बनाकर संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है। पाटिल ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है कि वह आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

क्या है पूरा मामला?
24 अप्रैल को, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर सिंधु जल संधि को निलंबित करने की घोषणा की। इस संधि के तहत, भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों, जैसे चिनाब, झेलम, और सतलुज, के पानी का बंटवारा होता है। संधि के अनुसार, चिनाब और अन्य पश्चिमी नदियों का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान को जाता है, जबकि भारत को सीमित उपयोग का अधिकार है। हालांकि, पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत को यह कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया। सरकार का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा लगातार आतंकवाद को समर्थन और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ के कारण यह संधि अब भारत के हितों के खिलाफ है।

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