
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार ने जिस तरह से लगभग 2 लाख शिक्षक पदों की भर्ती की घोषणा वाली पोस्ट को सोशल मीडिया से हटा दिया है। उससे स्पष्ट है कि भाजपा का नौकरियों का एजेंडा नहीं है।
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट कर कहा, “उप्र में जिस तरह से नौकरियों के बारे में की गई पोस्ट डिलीट कर दी गयी है, वैसे ही नौकरियाँ भी उप्र से डिलीट कर दी गयीं हैं। लगभग 2 लाख पदों की भर्ती की पोस्ट लगभग 2 दिन के लिए तो पोस्ट करके रखते। नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं।”
बता दें कि हाल ही में यूपी सरकार के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर 1.93 लाख शिक्षक भर्ती की घोषणा वाली एक पोस्ट साझा की गई थी, जिसमें अखबार की एक कटिंग भी शामिल थी। लेकिन कुछ ही समय बाद इस पोस्ट को हटा दिया गया। इस पोस्ट के डिलीट होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं। अभी तक सरकार की तरफ से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इससे पहले, सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने भी इस मसले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भाजपा का मुख्य उद्देश्य नौकरी देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले पीआर कंपनियों के माध्यम से विज्ञापन निकाले जाते हैं जिसमें लाखों पदों की भर्ती का दावा किया जाता है, फिर सरकार की ओर से उस पोस्ट को ट्वीट किया जाता है, और अंत में उसे डिलीट कर दिया जाता है। उनका तर्क था कि भाजपा का एजेंडा ही नौकरी देना नहीं है।
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