उपचुनाव रुझान : AAP दो सीटों पर आगे, BJP-कांग्रेस-TMC को भी मिली बढ़त…पढ़ें लाइव अपडेट्स

नई दिल्‍ली:  4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतों की गणना का कार्य जारी है. 5 में से 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस, बीजेपी, और टीएमसी एक-एक सीट पर आगे चल रही है. गुजरात के कडी सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को निर्णायक बढ़त मिल गयी है. वहीं विसावदर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जीत के करीब हैं. केरल के नीलांबुर सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार को माकपा के ऊपर निर्णायक बढ़त मिल गई है. बंगाल की कलीगंज सीट से टीएमसी के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. 

विधानसभा सीटकौन जीताकौन हाराअंतर
नीलांबुर (केरल)कांग्रेसमाकपा11077
कलीगंज (बंगाल)टीएमसी (आगे)बीजेपी 26494
लुधियाना वेस्ट (पंजाब)AAP (आगे)कांग्रेस 26494
विसावदर (गुजरात)AAPबीजेपी 17554
कडी (गुजरात)बीजेपी (आगे)कांग्रेस37693

चुनाव आयोग के मुताबिक, 19 जून को केरल की नीलांबुर सीट पर उपचुनाव में 75.27 प्रतिशत वोट पड़े थे. पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर 73.36 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे. गुजरात की विसावदर सीट पर 56.89 प्रतिशत और कडी सीट पर 57.91 प्रतिशत मतदान हुआ था. पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर 51.33 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गय था.

गुजरात की कडी सीट विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई, जबकि विसावदर में आप विधायक भूपेंद्र भयानी ने इस्तीफा दिया था. केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट विधायक पीवी अनवर के इस्तीफे के बाद खाली हुई. पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट से विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का निधन हुआ था, जिससे उपचुनाव की स्थिति बनी. इसी तरह कालीगंज सीट विधायक नसरुद्दीन अहमद के निधन के बाद खाली हुई थी.

सभी 5 विधानसभा चुनावों पर उपचुनावों को लेकर 26 मई को अधिसूचना जारी हुई थी. इसके बाद 2 जून तक नॉमिनेशन दाखिल करने की प्रक्रिया चली. उम्मीदवारों के लिए नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 5 जून थी.

इन उपचुनावों से चुनाव आयोग ने नई पहल शुरू की. पहली बार मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा की शुरुआत की गई. मोबाइल लेकर मतदान केंद्र पर जाने की मनाही के बावजूद कुछ लोग फोन लेकर चले जाते थे, खासकर जो ऑफिस या काम पर निकलते समय वोट डालने की इच्छा रखते थे.

इन परेशानियों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने देश में उपचुनावों से मोबाइल डिपॉजिट सेंटर की शुरुआत की, जो मतदान के समय वोटिंग बूथों पर बनाए थे. वॉलंटियर्स की निगरानी में वोटर्स यहां मतदान केंद्र के बाहर अपने मोबाइल सेफ्टी के साथ रख सकते हैं.

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