शांति की बातें, जंग की आग…ट्रंप की तारीफ से पाकिस्तान की किरकिरी

नई दिल्ली । पाकिस्तान कभी किसी का सगा नहीं हुआ है। इधर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुणगान किया। उनके लिए शांति का नोबल पुरस्कार भी मांगा। लेकिन ट्रंप के साथ बिरायानी खाने में व्यस्त रहे मुनीर को पता ही नहीं चला, उधर अमेरिका ने ईरान पर कर दिए ताबड़तोड़ हमले।

भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के बाद से डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तानी सरकार से खूब बन रही है। उन्होंने खुद को पाकिस्तानी फील्ड मार्शल से शांतिदूत भी घोषित करा लिया, लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला? हैरानी की बात तो ये है कि आसिम मुनीर के साथ दावत उड़ाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें भी बेवकूफ बना दिया।

आसिम मुनीर ने एक दिन पहले ट्रंप को नोबल पुरस्कार के देने की सिफारिश की और अगले ही दिन ट्रंप ने ईरान पर हमला कर दिया। ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हवाई हमलों के कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के व्हाइट हाउस दौरे को लेकर सवाल उठने लगे हैं। भारतीय सुरक्षा विश्लेषक सुशांत सरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आसिम मुनीर को ट्रंप ने ठग लिया है।

वैसे ये सिर्फ भारतीय विश्लेषक नहीं बल्कि पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार ने भी कहा है। उन्होंने टीवी पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आसिम मुनीर ने एक दिन पहले ट्रंप को नोबल पुरस्कार दिलाने की सिफारिश की और अगले ही दिन उन्होंने ईरान पर हमला कर दिया। भला ये कैसी कूटनीति है, जिस पर आसिम मुनीर चल रहे हैं। दूसरी थ्योरी ये कहती है कि आसिम मुनीर खुद नहीं ठगे गए हैं बल्कि अपने चरित्र के मुताबिक उन्होंने ईरान के साथ डबल गेम खेला है और उसे ही धोखा दे दिया है। ईरान पर हमले की पूरी प्लानिंग ट्रंप ने उन्हें लंच की टेबल पर ही बता दी होगी लेकिन आसिम मुनीर व्यापार, पैसे और मुख्यधारा में शामिल होने के लालच में अमेरिका की जी हुजूरी करते रह गए। हम सभी जानते हैं कि हमले से कुछ दिन पहले ही जनरल मुनीर और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में दावत हुई थी, जिसमें ईरान का मुद्दा प्रमुख रूप से चर्चा में था। सोशल मीडिया पर भी इस थ्योरी को लेकर पोस्ट्स की भरमार है, जिसमें भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के यूजर्स सक्रिय हैं।पाकिस्तान ईरान के साथ 900 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जो पहले से ही अस्थिरत है। ऐसे में मुनीर ने ट्रंप से मुलाकात में चेतावनी दी थी कि अगर ईरान में सत्ता ढहती है, तो पाकिस्तान-ईरान सीमा पर सक्रिय अलगाववादी और जिहादी समूह हालात का फायदा उठा सकते हैं। पाकिस्तान और ईरान के बीच पहले भी इसे लेकर विवाद हो चुका है लेकिन फिलिस्तीन के मामले पर दोनों देश मुस्लिम भाईचारे के नाम पर साथ आए थे।

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