यूपी में स्वास्थ्य विभाग सख्त: वसूली के आरोप में महिला डॉक्टर सस्पेंड, कई डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई

लखनऊ : यूपी के स्वास्थ्य महकमे में बड़ी कार्रवाई की गई है. मरीजों से अवैध वसूली के आरोप में फरूर्खाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात महिला चिकित्सक को निलंबित कर दिया गया है. जबकि कुशीनगर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप लगे हैं. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है. इसी तरह आजमगढ़ सीएचसी, बहराइच पीएचसी, रायबरेली में खीरों सीएचसी में तैनात डॉक्टरों के खिलाफ भी अलग-अलग मामलों में कार्रवाई की गई है. जबकि हमीरपुर सीएमओ से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मेडिकल संस्थान में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की शिकायतों को संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, फरूर्खाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात डॉक्टर विदेह कुमारी पर मरीजों से अवैध वसूली के आरोप लगे हैं. उन पर अस्पताल में अराजकता फैलाने के भी आरोप हैं. शिकायतों का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया. डॉक्टर को निलम्बित करते हुए बहराइच मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनाती के आदेश दिए गए हैं. साथ ही प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को निर्देश दिए हैं कि डॉक्टर को आरोप पत्र देकर कठोर विभागीय कार्यवाही की जाए.

इसी तरह कुशीनगर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में आब्स एण्ड गायनी विभाग में सहायक आचार्य के पद पर तैनात डॉ. रूचिका सिंह पर प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को डॉ. रूचिका के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं.

जबकि, आजमगढ़ सीएचसी में तैनात डॉ. सुरजीत सिंह द्वारा हरदोई के जिला चिकित्सालय में तैनाती के दौरान मरीजों से दुर्व्यवहार एवं दूसरी गम्भीर शिकायतें मिली हैं. डॉ. सुरजीत के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है. बहराइच की पीएचसी गंगवल में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. विकास वर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-पयागपुर में गलत मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था. जांच के बाद डॉ. विकास की एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिए रोकते हुए परिनिन्दा का दण्ड दिया गया है.

उधर, हमीरपुर मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. गीतम सिंह पर महोबा में उप्र विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासनिक विलम्ब समिति की 25 अप्रैल 2025 की बैठक में सूचना सहित प्रतिभाग न किये जाने के आरोप लगे हैं. यह शासकीय व पदीय दायित्वों में लापरवाही एवं उदासीनता है. लिहाजा डॉ. गीतम से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.

रायबरेली के खीरों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. इफ्तिखार अहमद पर महिला रोगियों से अभद्रता किये जाने के आरोप हैं. उच्चादेशों की अवहेलना करने का भी इलजाम है. लिहाजा डॉ. इफ्तिखार से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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