
झाँसी। जनपद के मऊरानीपुर क्षेत्र में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया। झाँसी-खजुराहो हाईवे पर स्थित बड़ागांव फ्लाईओवर के नीचे बैठी दर्जनभर से अधिक गायें एक तेज रफ्तार अज्ञात भारी वाहन की चपेट में आ गईं। हादसे में मौके पर ही सात गायों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गईं।
घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों और स्थानीय ग्रामीणों ने 1033 हाइवे हेल्पलाइन को तत्काल सूचना दी, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि चार घंटे तक कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुँचा। इसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन को जानकारी दी।
सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी अजय कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार सिंह और कोतवाल प्रभारी विद्या सागर सिंह मौके पर पहुँचे। अधिकारियों ने मृत गौवंशों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कराई, वहीं घायल गौवंशों को इलाज के लिए भिजवाया गया।

हाइवे पेट्रोलिंग की खुली पोल, कर्मचारियों को फटकार
हादसे के बाद मौके पर पहुँचे अधिकारियों ने लापरवाही पर हाईवे पेट्रोलिंग कर्मियों को जमकर फटकार लगाई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हाइवे पेट्रोलिंग और गौशालाओं की अनदेखी के चलते आये दिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
क्या गौशालाएं सिर्फ कागजों में संचालित हो रही हैं?
इस हादसे ने एक बार फिर मऊरानीपुर ब्लॉक क्षेत्र में संचालित गौशालाओं की हकीकत उजागर कर दी है। मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बावजूद बड़ागांव, बुखारा, धबाकर समेत दर्जनों गाँवों की गौशालाएं केवल कागजों पर ही चल रही हैं। हकीकत में या तो गौशालाएं खाली पड़ी हैं या गायों के रख-रखाव का कोई उचित प्रबंध नहीं है।
ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित विभाग केवल कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों का ध्यान सिर्फ कमीशनखोरी तक सीमित है। यही कारण है कि बेसहारा मवेशी सड़कों और हाइवे पर घूमने को मजबूर हैं, जिससे इस तरह की दर्दनाक घटनाएं सामने आ रही हैं।
प्रशासन ने दिया जाँच का आश्वासन
उपजिलाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने वाले हाइवे पेट्रोलिंग कर्मचारियों और लापरवाह गौशाला संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।