
मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने भारत में पूछताछ के दौरान कबूल कर लिया है कि वह पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI का “भरोसेमंद एजेंट” था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तिहाड़ जेल में एनआईए की हिरासत में राणा ने यह भी स्वीकारा कि उसे खाड़ी युद्ध के दौरान सऊदी अरब में भी तैनात किया गया था.
राणा ने खुलासा किया कि उसका दोस्त और हमले का सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली कई बार लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ले चुका था. दोनों ने पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के साथ मिलकर रेकी, प्लानिंग और ऑपरेशन से जुड़े अहम चरणों में हिस्सा लिया था. राणा ने माना कि लश्कर सिर्फ आतंकी नहीं बल्कि खुफिया नेटवर्क की तरह भी काम करता है.
ISI से मिली थी मदद, मुंबई में की थी रेकी
पूछताछ में राणा ने माना कि उसने मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे अहम स्थानों की रेकी की थी. उसने बताया कि उसकी इमिग्रेशन फर्म की मुंबई ब्रांच एक “कवच” थी जिसे ISI और लश्कर ने आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया. राणा ने यह भी स्वीकार किया कि 26/11 हमले के समय वह खुद मुंबई में मौजूद था.
मुंबई पुलिस कर रही हिरासत में लेने की तैयारी
एनआईए की पूछताछ के बाद अब मुंबई क्राइम ब्रांच राणा को अपनी हिरासत में लेने की तैयारी कर रही है. पुलिस को उम्मीद है कि राणा से और भी अहम जानकारियां मिल सकती हैं जो 2008 के आतंकी हमले की कड़ियों को और मजबूत करेंगी. इस पूछताछ से ISI और लश्कर के नेटवर्क को बेनकाब किया जा सकता है.
अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत में जांच तेज
कनाडाई नागरिक राणा को अमेरिका से भारत इस साल मई में प्रत्यर्पित किया गया था. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा उसकी याचिका खारिज किए जाने के बाद यह रास्ता साफ हुआ. भारत पहुंचते ही उसे एनआईए की हिरासत में लिया गया और आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में पूछताछ शुरू की गई.
आतंकी हमले में 166 लोगों की गई थी जान
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय, CST स्टेशन और नरीमन हाउस को निशाना बनाया था. इस बर्बर हमले में 166 लोगों की जान गई और देश के इतिहास में यह आतंक का सबसे भयावह अध्याय बन गया. अब तहव्वुर राणा के खुलासों से यह साबित होता जा रहा है कि ISI और लश्कर ने मिलकर इस नरसंहार की साजिश गहराई से रची थी.