
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लूलू मॉल से एक और सनसनीखेज और रौंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जो सिर्फ अपराध नहीं बल्कि एक गहरी साजिश की बू देता है। इस बार शिकार बनी एक 25 वर्षीय हिंदू युवती, जिसे मॉल में काम करने के दौरान उसके मुस्लिम कैश मैनेजर मो. फरहाज उर्फ फराज ने न केवल बलात्कार का शिकार बनाया बल्कि वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया और फिर धर्मांतरण का दबाव डालने लगा। जब युवती ने ‘इस्लाम कबूल’ करने से मना कर दिया, तो उसे जलती सिगरेट से दागा गया और नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। यह कोई सामान्य आपराधिक मामला नहीं है बल्कि नौकरी की आड़ में मुस्लिम कट्टरपंथियों की सुनियोजित योजना की एक कड़ी है।
‘नौकरी करनी है तो इस्लाम अपनाओ’
मूल रूप से सुलतानपुर की रहने वाली पीड़िता लखनऊ के लूलू मॉल में मेहनत और ईमानदारी से काम कर रही थी। इसी दौरान कैश सुपरवाइजर मो. फरहाज ने ‘दोस्ती’ के बहाने उसे अपने घर बुलाया। वहां उसने नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर उसके साथ रेप किया और वीडियो बना लिया। यही नहीं, वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे कैश और गहने भी हड़प लिए। और फरहाज नहीं रुका, इसके बाद असली चेहरा सामने आया। पीड़िता की शिकायत के अनुसार, कुछ दिनों बाद फराज उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव डालने लगा। पीड़िता से साफ कहा गया कि ‘मॉल में नौकरी करनी है तो इस्लाम अपनाओ’। जब युवती ने इनकार किया, तो उसके साथ गाली-गलौज, मारपीट और फिर जलती सिगरेट से दागने जैसी हैवानियत की गई।
गिरफ्तारी के बाद भी कई सवाल कायम
8 जुलाई को आरोपी फराज को उसकी मां परवीन बानो और भाई मोहम्मद तरबेज के साथ सुशांत गोल्फ सिटी थाने बुलाया गया, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने रेप, धर्मांतरण, ब्लैकमेलिंग और लूट जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये अकेला फराज है, या लूलू मॉल जैसे बड़े मॉल्स में और भी ‘जिहादी मैनेजर’ काम कर रहे हैं जो नौकरी की आड़ में धर्म परिवर्तन का अड्डा खोले हुए हैं। पुलिस ने अब जांच शुरू कर दी है कि क्या यह मामला किसी बड़े धर्मांतरण रैकेट से जुड़ा है? मॉल के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है कि क्या उन पर भी मजहबी दबाव बनाया गया?
पहले भी विवादों में रहा है लूलू मॉल
लूलू मॉल पहले भी विवादों में रहा है चाहे वह नमाज़ का प्रकरण हो या कर्मचारियों में मुस्लिमों के वर्चस्व का मामला और अब जबरन धर्मांतरण भी। ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या यूपी की धरती पर इस्लामी कट्टरता खुलेआम पैर पसार रही है? हर बार हम एक नए फराज, एक नए आफताब, एक नए साहिल को सुनते हैं। नाम बदलते हैं, चेहरों पर नकाब चढ़ता है लेकिन मकसद वही होता है। हिंदू बेटियों को शिकार बनाना, उनकी आस्था को तोड़ना और उन्हें मजहबी गुलाम बनाना। ये स्पष्ट है कि मॉल का ‘आंतरिक माहौल’ ही कट्टरपंथी तत्वों के लिए सुरक्षित स्थल बना हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अपराध और धर्मांतरण पर नकेल कसने का वादा किया है। अब इस मामले में सरकार की सख्ती और न्याय प्रक्रिया की रफ्तार पर नजर है।