
नई दिल्ली: धर्मांतरण का इंटरनेशनल रैकेट चलाना वाला जलालुद्दीन उर्फ छांगुर जिस छल-धन और बल की ताकत के बलबूते अपना काला साम्राज्य चलाता था, उसे ढहाने में जांच एजेंसियां जुट गई हैं. यूपी एटीएस से लेकर ईडी ने पिछले 24 घंटे में ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. ईडी ने बलरामपुर से लेकर मुंबई तक छांगुर के 14 ठिकानों पर गुरुवार तड़के छापेमारी की. वहीं छांगुर का काला चिट्ठा खोलने वाले गवाहों पर हमला करने वाले तीन गुर्गों की गिरफ्तारी की गई है. छांगुर को ताकत देने वाले उसके भतीजे को भी हिरासत में लेकर एटीएस वो राज उगलवाने में जुट गई है, जिनका अब तक खुलासा नहीं हुआ है.
ईडी रेड से काले कारोबार का खुलासा
ईडी ने गुरुवार सुबह बलरामपुर में 12 और मुंबई में दो ठिकानों पर रेड मारी. ईडी को छांगुर के करीबी नवीन और नीतू उर्फ नसरीन के बैंक खातों से कई संदिग्धों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये लेनदेन का इनपुट मिला था. इसके बाद ईडी रेड डाली गई. मुंबई के बांद्रा और माहिम में ईडी ने कुछ लोकेशन पर रेड डाली. ये छापेमारी शहजाद शेख नाम के शख्स के घरों पर हुई, जिसके खाते में दो करोड़ रुपये नवीन ने भेजे थे. वहीं बलरामपुर के मधपुर में छांगुर के घर पर ईडी पहुंची. सुबह तड़के 5 बजे शुरू हुई ये रेड दोपहर तक चलती रही.
छांगुर का भतीजा सोहराब शिकंजे में
यूपी एटीएस ने छांगुर के भतीजे सोहराब को भी दबोचा है. सोहराब मुस्लिम बाहुल्य आजमगढ़ जिले में अवैध धर्मांतरण और काले धन के लेनदेन की जिम्मेदारी संभालता था. सटीक सूचना के बाद बुधवार रात यूपी एसटीफ ने सोहराब को उतरौला इलाके से पकड़ा. एसटीएफ छांगुर के भतीजे से उसके राज उगलवाने में जुटी है. एटीएस अब तक छांगुर के करीबी नेटवर्क के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
छांगुर का हवाला नेटवर्क
छांगुर के अब तक 18 से ज्यादा बैंक खातों का पता ईडी और अन्य जांच एजेंसियों ने लगाया है. इसमें 68-70 करोड़ रुपये जमा होने का खुलासा हुआ है, जिससे एजेंसियां हैरान हैं. पिछले तीन महीनों में ही कुछ खातों में 7-8 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. छांगुर का नेटवर्क यूएई-सऊदी और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों तक फैले होने और वहां से पैसे के लेनदेन के तार जोड़ने में भी एजेंसियां जुटी हैं. ईडी इस अवैध संपत्ति को जब्त कर जांच छांगुर के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी कर रही है. ईडी ने बांद्रा में शहजाद शेख से उसके खाते में आए दो करोड़ की रकम को लेकर भी पूछताछ की. ईडी ने छांगुर की संपत्तियों की पूरा ब्योरा भी यूपी की एजेंसियों से मांगा है.
छांगुर का छल डिकोड
यूपी एसटीएफ और एटीएस छांगुर के छल को पहले ही बेनकाब कर चुकी है. छांगुर कैसे गुर्गों से कोडवर्ड में बात करता था. वो गुर्गों से संपर्क साधने और जिम्मेदारी देने के लिए प्रोजेक्ट, मिट्टी पलटना, काजल लगाना और दर्शन जैसे कोडवर्ड में बातें करता था. कोडवर्ड में प्रोजेक्ट का मतलब होता था लड़कियां, मिट्टी पलटना का मायने था धर्म परिवर्तन, काजल लगाने का अभिप्राय था मनोवैज्ञानिक हेरफेर और दर्शन का मायने था कि टारगेट को उससे मिलवाना.धर्मांतरण के लिए पैसा, विदेश यात्रा, नौकरी और स्कॉलरशिप का प्रलोभन दिया जाता था