
ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या ने एक बार फिर उच्च शिक्षा संस्थानों में मानसिक प्रताड़ना और प्रशासनिक उदासीनता की सच्चाई को उजागर कर दिया है. 21 वर्षीय ज्योति, जो गुरुग्राम की रहने वाली थी, शुक्रवार शाम अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटकी मिली. सुसाइड नोट में उसने स्पष्ट रूप से दो शिक्षकों महेंद्र सर और शार्ग मैम को जिम्मेदार ठहराया है.
ज्योति के सुसाइड नोट ने पूरे मामले को बेहद संवेदनशील बना दिया है. उसमें लिखा था, “अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए PCP और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे. उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अपमानित किया. मैं उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं.” उसने शिक्षकों के जेल भेजे जाने की मांग की. बवाल के बाद दो टीचरों को सस्पेंड कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश –
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 19, 2025
ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में BDS की छात्रा ने फांसी लगाकर जान दी।
सुसाइड नोट में लिखा– मेरी मौत के जिम्मेदार महेंद्र सर और शार्ग मैम हैं। इन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अपमानित किया।
पुलिस ने FIR दर्ज कर दोनों को अरेस्ट किया। pic.twitter.com/J0L2E3Mm6M
छात्रों का आक्रोश
ज्योति की मौत के बाद यूनिवर्सिटी परिसर में माहौल तनावपूर्ण हो गया. छात्रों ने शव मिलने के बाद प्रदर्शन शुरू कर दिया. यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने जुलूस निकाला, न्याय की मांग की और नारेबाज़ी की. जब पुलिस छात्रों को समझाने की कोशिश कर रही थी, तब दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक भी हो गई.
फेक साइन का आरोप
छात्रों के मुताबिक, ज्योति पर एक दस्तावेज़ पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया था. उसे तीन दिन तक विभाग से भगाया गया. HOD ने माता-पिता को बुलाने को कहा, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई. शुक्रवार शाम वह रोती हुई दिखी और कहा गया कि उसे फेल करने की धमकी दी जा रही थी. ये घटनाएं उसकी मानसिक स्थिति पर भारी पड़ीं.
Sharda University student commited suicide due to teacher mental harrasment. At mandela hostel inside sharda campus.@gharkekalesh @PMOIndia @HMOIndia @myogiadityanath @aajtak @TimesAlgebraIND @ZeeNews pic.twitter.com/7kXLRVeYab
— ASSUM (@billa6975) July 18, 2025
वार्डन की भूमिका पर सवाल
एक छात्रा ने दावा किया कि वार्डन ने सुसाइड नोट को छिपाने की कोशिश की. घटना के समय वार्डन, इंटर्न और मेडिकल स्टाफ ने छात्रा की नाड़ी तक चेक नहीं करने दी. छात्रों का आरोप है कि प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश की. यह व्यवहार केवल अनदेखी नहीं, एक तरह की क्रूरता है.
परिजन की शिकायत पर दो हिरासत में
परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने दो शिक्षकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. एडिशनल DCP सुधीर कुमार के अनुसार, पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. इस घटना ने न केवल शिक्षा प्रणाली बल्कि हॉस्टल प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जिम्मेदारी की समझ पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.