
नई दिल्ली । भारतीय शतरंज के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने फिडे वूमेन्स ववर्ल्ड कप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया है। उन्होंने दुनिया की शीर्ष महिला शतरंज खिलाडिय़ों में शुमार कोनेरू हम्पी को हराकर यह उपलब्धि अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में दोनों भारतीय दिग्गजों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। दोनों क्लासिकल गेम्स ड्रॉ रहे, जिसके बाद फैसला रैपिड टाईब्रेकर में हुआ। दिव्या देशमुख ने हम्पी को 1.5-0.5 से हराकर न केवल खिताब जीता बल्कि एक नया इतिहास भी रच दिया। वह शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।
इस शानदार जीत के साथ ही दिव्या देशमुख भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर भी बन गई हैं। ग्रैंडमास्टर की उपाधि शतरंज की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित मानी जाती है और इसे हासिल करना किसी भी खिलाड़ी के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक होता है। इस जीत के बाद दिव्या को इनामी राशि के रूप में लगभग 43 लाख रुपये मिलेंगे। वहीं हम्पी को करीब 30 लाख रुपये मिलेंगे। यह पहली बार है, जब इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में दो भारतीय शतरंज खिलाड़ी आमने-सामने थीं। दोनों ही खिलाड़ी अब 2026 में होने वाले महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर चुकी हैं, 8 खिलाडिय़ों के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से अगले विश्व महिला चैम्पियनशिप मैच में मौजूदा विश्व चैम्पियन चीन की जू वेनजुन की प्रतिद्वंद्वी का फैसला होगा।