
नई दिल्ली: ब्रह्मपुत्र वैली फिल्म फेस्टिवल (BVFF), जो भारत में अर्थपूर्ण एवं वैचारिक सिनेमा को समर्पित एक प्रतिष्ठित मंच के रूप में विख्यात है, इसके 10वें संस्करण के लिए फिल्म प्रविष्टियों की प्रक्रिया औपचारिक रूप से आरंभ हो चुकी है। यह महोत्सव न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों को भी आमंत्रित करता है कि वे 9 सितंबर, 2025 तक अपनी फिल्में महोत्सव में प्रस्तुति के लिए भेज सकते हैं।
अपने पूर्ववर्ती नौ सफल संस्करणों के माध्यम से BVFF ने भारत के विविध क्षेत्रों से प्राप्त नवोन्मेषी सृजन और प्रामाणिक कहानी कहने की परंपरा को प्रोत्साहित करते हुए एक सशक्त राष्ट्रीय मंच के रूप में स्वयं को प्रतिष्ठित किया है। विगत वर्षों में 1500 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं, 310 से अधिक फिल्मों का प्रदर्शन हुआ तथा प्रतिवर्ष 20,000 से अधिक सिनेप्रेमी महोत्सव में सहभागी बने हैं।
महोत्सव निदेशक तनुश्री हजारिका ने इस अवसर पर कहा,
“दस वर्ष पूर्व, इस महोत्सव की परिकल्पना एक स्वप्न के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य था उत्तर पूर्व भारत को राष्ट्रीय सिनेमा विमर्श में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करना। आज, हम एक समर्पित दशक के पश्चात उस स्वप्न को जीवंत रूप में अनुभव कर रहे हैं। हम सभी नवोदित एवं प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं से आग्रह करते हैं कि वे इस ऐतिहासिक संस्करण का हिस्सा बनें एवं फीचर फिल्म, डॉक्युमेंट्री तथा लघु फिल्म श्रेणियों में अपनी प्रविष्टियाँ प्रस्तुत करें।”
गुवाहाटी स्थित इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तर पूर्व भारत और दुनियां के मध्य एक रचनात्मक सेतु का निर्माण करना है, जहाँ परंपरा और नवाचार, सृजनकर्ता और विशेषज्ञ, सभी एक साझा मंच पर संवाद कर सकें।
BVFF को विगत वर्षों में जिन ख्यातिनाम फिल्मकारों की उपस्थिति से गौरव प्राप्त हुआ है, उनमें राजकुमार हिरानी, इम्तियाज़ अली, तिग्मांशु धूलिया, कृष्णा डी.के., प्रकाश झा, विशाल भारद्वाज, गौरी शिंदे, बोमन ईरानी, ज़ोया अख्तर, राजकुमार राव तथा फरहान अख्तर जैसे नाम उल्लेखनीय हैं। महोत्सव के अंतर्गत पटकथा लेखन, फिल्म वित्तपोषण तथा वितरण जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर कार्यशालाओं एवं संवाद सत्रों का भी आयोजन किया जाता है।
इस महोत्सव की सफलता में इसकी समर्पित कार्यकारिणी की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसमें प्रमुख रूप से
● पल्लवी चुमकी बरुआ (क्रिएटिव डायरेक्टर)
● समुज्ज्वल कश्यप (तकनीकी निदेशक)
● कर्मा पालजोर (प्रचार निदेशक)
● बियॉन डिनीस (संप्रेषण निदेशक)
शामिल हैं। इनकी सक्रिय भूमिका को महोत्सव सलाहकार समिति के मार्गदर्शन से सुदृढ़ता प्राप्त हुई है, जिसमें रोनी लाहिरी, रीमा कागती, अदिल हुसैन एवं लीना यादव जैसे लोग सम्मिलित हैं।
इस वर्ष, महोत्सव के कार्यक्रम एवं प्रचार में नई दृष्टि एवं गहराई प्रदान करने हेतु स्मृति किरण एवं मुर्तज़ा अली ख़ान का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय रहेगा।
रोनी लाहिरी, महोत्सव सलाहकार, ने कहा:
“BVFF अब मात्र एक फिल्म महोत्सव नहीं, अपितु उत्तर पूर्व भारत में एक सांस्कृतिक आंदोलन का स्वरूप ग्रहण कर चुका है। इसके माध्यम से अर्थपूर्ण सिनेमा, कार्यशालाएं एवं संवाद इस क्षेत्र तक पहुंचे हैं। इस वर्ष प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय खंड महोत्सव को वैश्विक फलक पर और अधिक सुदृढ़ करेगा।”
श्री मुर्तज़ा अली ख़ान ने BVFF के विषय में कहा:
“यह महोत्सव मेरी वार्षिक कार्यसूची का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण अंग बन चुका है। इसकी सशक्त क्यूरेशन, पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विशेषताओं पर केंद्रित दृष्टिकोण, तथा अतुलनीय सौहार्द इसे एक अद्वितीय अनुभव बनाते हैं।”
महोत्सव के 10वें संस्करण में फिल्मों की स्क्रीनिंग के अतिरिक्त मास्टरक्लास, इंटरैक्टिव सत्र, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, नेटवर्किंग कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सिनेमा का उत्सवमय प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सृजनात्मक अभिव्यक्ति को शिक्षित करना, प्रेरित करना एवं विकसित करना है।
अधिक जानकारी एवं प्रविष्टि हेतु कृपया हमारी वेबसाइट पर पधारें:
🌐 https://brahmaputravalleyfilmfestival.com/
या सोशल मीडिया पर अनुसरण करें: @bvff_guwahati