ED की बड़ी एक्शन : रिलायंस पावर को ठगने वाली शेल कंपनी का पर्दाफाश, करोड़ों की फर्जी बैंक गारंटी मामले में MD अरेस्ट

Reliance Power SECI Fraud Case: अनिल अंबानी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा समन और लुकआउट सर्कुलर जारी किए जाने के एक दिन बाद एजेंसी ने शनिवार को एक शेल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी एक फर्जी बैंक गारंटी और मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है. गिरफ्तार आरोपी का नाम पार्थ सारथी बिस्वाल है, जो भुवनेश्वर स्थित बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड (BTPL) के एमडी हैं.

ED ने कहा कि यह कार्रवाई एक मामले में की गई है जिसमें BTPL और इसके निदेशकों पर Solar Energy Corporation of India (SECI) को फर्जी बैंक गारंटी जमा करने का आरोप है. यह FIR दिल्ली पुलिस द्वारा 2023 में दर्ज की गई थी.

क्या है पूरा मामला?

ED के अनुसार, BTPL ने SECI के एक टेंडर के लिए 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत की. इसके बदले उसे रिलायंस पावर लिमिटेड से 5.40 करोड़ रुपये मिले. जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी बैंक दस्तावेजों के लिए SBI के नाम पर बनाए गए नकली ईमेल आईडी और स्पूफ डोमेन (जैसे s-bi.co.in) का इस्तेमाल किया गया ताकि असली होने का भ्रम पैदा किया जा सके.

 एजेंसी के मुताबिक, BTPL कंपनी ने 2019 में पंजीकरण कराया था, लेकिन इसके पास घोषित टर्नओवर से कहीं ज्यादा लेन-देन हुए. कंपनी के कई बैंक खाते अघोषित पाए गए. कंपनी अधिनियम के कई उल्लंघन, जैसे बहीखाते और शेयरहोल्डर रजिस्टर न रखना, भी जांच में सामने आए.

ED की छापेमारी और तकनीकी खुलासे

ED ने शुक्रवार को भुवनेश्वर और कोलकाता में चार ठिकानों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कंपनी के दफ्तर के पते पर कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं मिले, और वह पता वास्तव में एक रिश्तेदार का रिहायशी घर निकला. कम से कम 7 अघोषित बैंक खाते ट्रेस किए गए, जिनमें ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ अपराध की कमाई) जमा की गई थी. इतना ही नहीं, जांच में पाया गया कि इस गुट के प्रमुख सदस्य Telegram ऐप पर ‘disappearing messages’ का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे यह शक गहराया कि वे साक्ष्य छिपाने की कोशिश कर रहे थे.

रिलायंस पावर की सफाई

रिलायंस पावर ने नवंबर 2024 में स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि कंपनी इस मामले में फ्रॉड और आपराधिक साजिश की शिकार हुई है. SECI ने कंपनी और उसकी सहयोगी संस्थाओं को 3 साल के लिए टेंडर से बाहर कर दिया, जिस पर रिलायंस पावर ने आपत्ति जताई है. कंपनी ने कहा कि उसने 16 अक्टूबर 2024 को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी. वह अपने 40 लाख से ज्यादा शेयरधारकों के हित में कानूनी कदम उठाएगी. 

यह मामला अब सिर्फ एक वित्तीय धोखाधड़ी नहीं, बल्कि तकनीकी और नियामकीय स्तर पर चौंकाने वाला अपराध बनता जा रहा है, जिस पर ED की जांच लगातार तेज हो रही है.

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