उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश से तबाही: 402 गांव पानी में डूबे, 12 की मौत, जानिए लखनऊ का हाल

लखनऊ: यूपी में बाढ़ और बारिश ने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है. भारी बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, झांसी, आगरा, कानपुर देहात, कानपुर नगर समेत सभी प्रमुख जिलों में नदियां उफान पर हैं. गंगा-यमुना के साथ चंबल नदी में बाढ़ से सूबे के कई इलाकों में हालात चिंताजनक बन आए हैं. करीब 18 जिलों में नदियां बेकाबू हैं और लोगों के आशियाने तक डूब गए हैं. कई जिलों में स्कूलों में पानी घुस गया है. वाराणसी-प्रयागराज में हालात खराब हैं. करीब 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक विशाल सिंह के मुताबिक, प्रदेश में 12 लोगों की बारिश की वजह से अलग-अलग घटनाओं में मृत्यु हुई है. इधर, बारिश का आलम यह है कि बीते 24 घंटे में सामान्य से 146 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है.

दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में मानसून द्रोणी व अन्य अनुकूल परिस्थितयों के कारण मानसून सक्रिय है, जिसके कारण पूर्वी तथा पश्चिमी संभागों में भारी बारिश जारी है. लखनऊ में रविवार को दिन भर बरसात होती रही. इसके मद्देनजर जिलाधिकारी के आदेश पर राजधानी में कक्षा 1 से 12 तक के समस्त बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालय आज सोमवार को बंद रहेंगे. वहीं, सुल्तानपुर में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता ने कक्षा 1 से 8 तक के परिषदीय व सभी बोर्डों के स्कूलों में अवकाश की घोषणा की है. इस तरह से यूपी के 22 जिलों में बारिश-बाढ़ के कारण छुट्टी कर दी गई है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश में 146 प्रतिशत अधिक बारिश: पिछले 24 घंटे में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 7.5 मिनी के सापेक्ष 18.4 मिली मीटर रिकॉर्ड की गई है, जो कि सामान्य से 146% अधिक है. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनुमानित बारिश 7.2 मिलीमीटर के सापेक्ष 8.2 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई, जो कि सामान्य से 14% अधिक है. मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के 60 से अधिक जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश व कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई है.

भारी से बहुत भरी वर्षा होने की संभावना: सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, मथुरा, हाथरस, आगरा, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं एवं आसपास के इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अलर्ट है.

इन जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना: संतकबीरनगर, बस्ती, महाराजगंज, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन एवं आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है.

मेघगर्जन/वज्रपात होने की संभावना: बांदा, चित्रकूट, फ़तेहपुर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड, गौतम बुद्ध नगर, बुलन्दशहर, अलीगढ, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में बिजली गिरने का अलर्ट है.

राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 327 बाढ़ ग्रस्त परिवारों को राहत सहायता वितरित की गई है. लगभग 4015 हेक्टेयर भूमि बाढ़ की चपेट में है. राहत कर्य में 193 नाव तथा 4596 प्रीपोजीशन्ड नावें लगी हैं. 905 बाढ़ शरणालयों में लगभग 11248 लोग रह रहे हैं. जो जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, उनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चन्दौली, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा, फतेहपुर शामिल हैं.

खतरे के निशान को पार कर चुकीं नदिया

सिंचाई विभाग के अनुसार 2 अगस्त तक गंगा नदी बलिया, गाज़ीपुर, यमुना नदी औरैया, जालौन (काल्पी), हमीरपुर, बांदा (चिल्लाघाट), बेतवा नदी हमीरपुर (सहिजना) में खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं.

लखनऊ में दिन भर झमाझम: राजधानी लखनऊ में रविवार को सुबह से ही रिमझिम बारिश का सिलसिला शुरू हुआ तो दिन भर जारी रहा. जिससे चारों ओर सड़कों और गलियों में पानी ही पानी नजर आने लगा. तेज बारिश से तापमान में राहत मिली. अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम है. वहीं न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि सामान्य है.

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार को लखनऊ में बादल छाये रहेंगे. कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी व आइसोलेटेड स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. अधिकतम तापमान 30 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है.

रविवार सुबह 0.30 बजे से शाम 0.30 बजे तक राजधानी के मलीहाबाद में सर्वाधिक 61.5 मिमी तथा एयरपोर्ट पर 34.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई. आज भी लखनऊ में ज्यादातर स्थानों पर मध्यम के साथ कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना के दृष्टिगत तापमान सामान्य से नीचे बने रहने की संभावना है.

24 घंटे में 35 फीसदी अधिक बारिश: उत्तर प्रदेश में 1 जून से 3 अगस्त तक अनुमानित बारिश 380 के सापेक्ष 365 मिमी रिकॉर्ड की गई जो कि सामान्य से चार प्रतिशत कम है. वहीं, पिछले 24 घंटे में अनुमानित बारिश 7.3 मिलीमीटर के सापेक्ष से 14.2 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 95% अधिक है.

भारी से अत्यधिक भारी वर्षा: मौसम वैज्ञानिक डा. अतुल सिंह ने बताया कि प्रदेश में जारी भारी से बहुत भारी वर्षा का दौर आगामी 24-36 घण्टों तक बिना किसी विशेष परिवर्तन के ऐसे ही जारी रहने की संभावना है. तदुपरांत 5 अगस्त से इसमें उत्तरोत्तर कमी के साथ भारी वर्षा का दौर 6 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है.

बनारस में बेकाबू हुईं गंगा और वरुणा, गलियों में चल रही नाव

धर्मनगरी वाराणसी में भी पिछले एक सप्ताह से गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आज सुबह 8:00 बजे केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी में गंगा का जलस्तर अपने खतरे के निशान से लगभग 80 सेंटीमीटर ऊपर है. खतरे का निशान वाराणसी में 71.26 मीटर है, जबकि वर्तमान जलस्तर 72.04 मीटर है

घाट डूबे, सड़कों पर पानी: वाराणसी में गंगा के जलस्तर में लगातार रो रही बढ़ोतरी की वजह से गंगा अब सड़कों पर आ गई हैं. सामने घाट, अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट नमो घाट पर गंगा का जलस्तर घाटों को छोड़ते हुए अब सड़कों पर है और सड़क भी लबालब हो चुकी हैं. गंगा अभी 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. हालांकि इसके बढ़ोतरी के क्रम में कमी आई है, लेकिन अभी भी जलस्तर में बढ़ाव जारी है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों की बिजली काटी: अब तक लगभग 4500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकालकर बाढ़ राहत शिविर और अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है. जिला प्रशासन का कहना है कि अभी लगभग दो दर्जन से ज्यादा मोहल्ले और एक दर्जन से ज्यादा क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है, जो भी बाढ़ प्रभावित इलाके हैं. वहां बिजली भी काट दी गई है ताकि कोई अनहोनी ना हो जो लोग अभी भी अपने घरों में छतों पर या अन्य जगहों पर सुरक्षित हैं. उन्हें राहत सामग्री पहुंचाने के लिए अलग से टीमों को लगाया गया है क्षेत्रीय विधायक और भाजपा सरकार के मंत्री भी इस काम में लगे हुए हैं. फिलहाल वाराणसी में गंगा और गंगा दोनों नदियों के तबाही की वजह से अभी भी लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं.

घाटों पर निगरानी बढ़ी: वहीं सावन मास का आज अंतिम सोमवार है और देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है, चूंकि अधिकांश श्रद्धालु दर्शन से पहले दशाश्वमेध घाट पर स्नान करते हैं, लेकिन पानी बढ़ने के कारण घाट की जगह काफी कम हो गई है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए घाटों पर जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. वहीं, पुलिस द्वारा लगातार अनाउंसमेंट कर लोगों को गहरे पानी में न जाने की अपील की जा रही है. सुरक्षा के मद्देनजर घाटों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और प्रशासन हर स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है.

गली में हो रहा अंतिम संस्कार: मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर दाह संस्कार में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मणिकर्णिका घाट का पूरा इलाका पानी में डूब जाने की वजह से शवों लिए सिर्फ एक मात्र छत बची है जहां पर दाह संस्कार पूरा किया जा रहा है. यहां पर भी शवों को ले जाने के लिए नाव का प्रयोग किया जा रहा है. संकरी गलियों में नाव चल रही है और नाव के जरिए डेड बॉडीज को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है. हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में होने वाला दाह संस्कार और आगे बढ़कर एक पतली सी गली में संपन्न हो रहा है.

इसके अतिरिक्त नमो घाट का पूरा इलाका पानी में डूब चुका है, नमो घाट पर सूर्य नमस्कार करते हुए डिजाइन वाले हाथों की आकृति को लगाया गया था, वह भी पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं. नमो घाट पर आम लोगों के जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है.

प्रयागराज में गंगा-यमुना के बाद टोंस भी उफान पर, 36 गांव जलमग्न

प्रयागराज में नदियां कहर बरपा रही हैं. एक ओर गंगा और यमुना पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, वहीं अब टोंस नदी भी उफान पर है. इससे करछना, मेजा, बारा और कोरांव तहसील के निचले इलाकों में तबाही का मंजर फैल गया है. पानी कई गांवों के घरों और गलियों तक पहुंच चुका है.

गंगा और यमुना के जलस्तर की स्थिति:

खतरे का निशान: 84.734 मीटर
यमुना (नैनी): 86.04 मीटर (+50 सेमी बढ़त)
गंगा (फाफामऊ): 86.03 मीटर (+54 सेमी बढ़त)
गंगा (छतनाग): 85.37 मीटर (+56 सेमी बढ़त)
गंगा (बक्शी एसटीपी): 85.98 मीटर (+51 सेमी बढ़त)
टोंस नदी भी उफान पर:वाराणसी व रीवा बैराजों से छोड़े गए पानी के कारण टोंस नदी का जलस्तर बढ़ा है और इससे टोंस के किनारे बसे करछना, मेजा, बारा और कोरांव तहसीलों के कुल 36 गांव जलमग्न हो गए हैं.

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का विवरण:राहत शिविरों में शरण: 1747 प्रभावितों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है.
राशन वितरण: 2750 राशन किट बांटी गईं.
पका भोजन वितरण: 7436 पैकेट पका भोजन वितरित किया गया.
पशु आहार वितरण: 23400 किलो पशु चारा वितरित.
गांव-मजरे प्रभावित: 39 ग्राम-मजरे पूरी तरह प्रभावित.
करछना, बंधवा, चकघाट, मझिगवां, भवानीपुर, सरायखुर्द, दरियाबाद समेत दर्जनों गांवों में जलभराव हो चुका है. धान व सब्जियों की फसल जलमग्न हो गई हैं.आवागमन बाधित है. अधिकारी प्रभावित गांवों का दौरा कर राहत सामग्री वितरण का निरीक्षण कर रहे हैं.

सहायता के लिए संपर्क करें:

टोल फ्री नंबर: 1077
नियंत्रण कक्ष: 0532-2641577 / 2641578
सीतापुर में दीवार गिरने से दो सगी बहनों की मौत: जिले के सिधौली कोतवाली इलाके में सोमवार भोर करीब 4 बजे सो रहे परिवार पर आफत गिर पड़ी. इसमें दो सगी बहनों चांदनी और शिवानी पर कच्ची दीवार भरभरा कर गिर पड़ी. दोनों की मौत हो गई. परिवार के कुछ लोग घायल भी हुए हैं.

जौनपुर : भारी बारिश के चलते जौनपुर में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं जौनपुर-जफराबाद मार्ग पर पेड़ गिरने से आवागमन प्रभावित हुआ है. अति व्यस्त सड़क जफराबाद, केराकत, गाजीपुर और वाराणसी जाने वाले लोगों के लिए मुख्य मार्ग है.

बारिश से कानपुर शहर में जलभराव, सड़कें लबालब: रविवार को दिन भर शहर में रुक-रुक हुई बारिश के बाद सोमवार तड़के से बदरा जमकर बरसे. सुबह 10 बजे तक ये स्थिति हो गई कि शहर की तमाम सड़कें जहां तालाब जैसी दिखीं, वहीं पूरे शहर का नजारा किसी टापू से कम न था. जगह-जगह जलभराव के बाद नगर निगम मुख्यालय में घनघना रहे फोन कॉल्स के बाद हकीकत देखने के लिए नगर आयुक्त सुधीर कुमार मुख्य अभियंता के साथ निकले. सबसे पहले सीसामऊ नाला के पास की स्थिति देखी, फिर वीआईपी रोड समेत अन्य क्षेत्रों का निरीक्षण किया. मौसम विशेषज्ञ डा.एसएन सुनील पांडेय ने बताया, 24 घंटे में 75 मिमी. बारिश रिकार्ड की जा चुकी है. फिलहाल दिनभर बारिश के आसार हैं. उन्होंने कहा, जिन्हें जरूरी काम हो वो लोग ही घरों से बाहर निकलें.

दक्षिण के इलाकों का बुरा हाल, गलियों में घुटनों तक पानी: कानपुर के दक्षिण में कई इलाके बारिश के बाद जलमग्न हो गए हैं. गोविंद नगर, किदवई नगर, रतनलाल नगर, बर्रा, गुजैनी, नौबस्ता, आवास विकास हंसपुरम, जरौली, कर्रही समेत अन्य क्षेत्रों की तमाम गलियों में जहां घुटनों तक पानी भर गया है. वहीं, राखी के पर्व से पहले जल्दी दुकान खोलने के चक्कर में जब दुकानदार गोविंद नगर बाजार पहुंचे तो उन्हें अपनी दुकानों तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ी. कई दुकानदारों का कहना था, नाला सफाई अगर कागजों पर न होती तो ये स्थिति न बनती. किसी तरह भीगते पानी में जान बचाकर दुकानदारों ने दुकानें खोलीं.

मिर्जापुर बारिश के चलते हालात बेकाबू, स्कूल-श्मशान घाट डूबे: मिर्जापुर जनपद में लगातार बढ़ रहे गंगा के पानी और हो रही बारिश के चलते हालात बेकाबू हो गए हैं. नगर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोसाईपुर चिल्ह का श्मशान घाट पूरी तरह डूब चुका है. सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी घुसने से संपर्क मार्ग कट चुके हैं. 50 से अधिक गांव में बिजली आपूर्ति बाधित कर दिया गया है. हजारों हेक्टेयर फसल डूब चुके हैं जो खराब होने के कगार पर हैं. लगातार बढ़ रहे गंगा का पानी और हो रही बारिश के चलते लोग पलायन को करने को मजबूर हो रहे हैं.यही नहीं लोग पशुओं को ऊपरी क्षेत्र में लेकर जा रहे हैं.

अमेठी में लगातार बारिश से सरकारी स्कूलों में घुसा पानी : अमेठी में चौबीस घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से गांव से लेकर शहर तक पानी ही पानी हो गया है. सरकारी स्कूलों में भी पानी भर गया है. जिले के स्कूलों में अतिवृष्टि और जलभराव की आशंका के चलते आठवीं तक विद्यालय एक दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं. अमेठी कस्बे में स्थित परिषदीय विद्यालय सहित पूरे परिसर में जल भराव हो गया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने अतिवृष्टि और जल भराव की आशंका के दृष्टिगत जिले समस्त बोर्डों द्वारा संचालित स्कूलों में 4 अगस्त को एक दिन का अवकाश घोषित कर दिया है.

हमीरपुर में मकान ढहने से एक की मौत, बेतवा की बाढ़ में मिला शव: मुस्करा थाना क्षेत्र के ऐंझी गांव में रविवार रात भारी बारिश के कारण दो मंजिला पुराना मकान ढह गया. हादसे में 45 वर्षीय जगदीश यादव की मलबे में दबकर मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी निशा यादव ने कूदकर जान बचाई. वहीं दूसरी ओर, बेतवा नदी की बाढ़ ने एक और जान ले ली. सदर कोतवाली क्षेत्र के डिग्गी मोहल्ले का युवक इंद्रप्रकाश शुक्रवार शाम से लापता था. शनिवार दोपहर उसका शव बाढ़ के पानी में उतराता मिला, जिसे मछुआरों ने देखा. मृतक खनिज विभाग में चपरासी के पद पर कार्यरत था.

सोनभद्र में पहाड़ी नाले के तेज बहाव में बहे दो युवकों के शव बरामद: सोनभद्र के जुगैल थाना क्षेत्र के भरहरी गांव में स्थित चकदहिया पुलिया (रपटा) पर परेवा नाले के तेज बहाव में बाइक समेत दो युवक रविवार शाम को बह गए थे, जबकि तीसरे युवक ने समय रहते बाइक से कूदकर अपनी जान बचा ली थी. दोनो युवकों के शव परेवा नाले से घटनास्थल से कुछ दूरी पर सोमवार सुबह बरामद कर लिए गए. मृतकों की पहचान घोरावल थाना क्षेत्र के भरकवाह गांव निवासी 19 वर्षीय दिनेश धोबी पुत्र लालजी धोबी और 18 वर्षीय अंकित उपाध्याय पुत्र इंद्रजीत के रूप में हुई है.

पुलिस क्षेत्राधिकारी हर्ष पांडेय ने बताया कि दोनो ही युवकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

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