
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से भारतीय सेना और चीन सीमा विवाद को लेकर की गई कथित टिप्पणी पर दर्ज मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नसीहत भरी टिप्पणी की है। कोर्ट ने पूछा, कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा नहीं कहेंगे।
यह टिप्पणी कोर्ट ने उस समय की जबकि राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के दौरान दलीलें पेश कीं। यह याचिका भारत जोड़ो यात्रा 2023 के दौरान सेना पर की गई कथित टिप्पणी से संबंधित मानहानि मुकदमे को रद्द कराने के लिए दायर की गई है। सुनवाई के दौरान पीठ ने राहुल गांधी से सवाल किया, आप विपक्ष के नेता हैं, आप संसद में यह सवाल क्यों नहीं पूछते? आपके पास क्या कोई विश्वसनीय जानकारी है कि चीन ने वास्तव में 2000 किमी तक जमीन हड़प ली है?
इसके जवाब में वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और राहुल गांधी ने चुनाव लड़ने का उद्देश्य संसद में बोलने की छूट पाना नहीं रखा। उन्होंने तर्क दिया कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन हुआ है क्योंकि राहुल को मुकदमे में संज्ञान लेने से पहले कोई सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में यह दलील नहीं दी, और यहां भी उन्होंने अपनी एसएलपी में स्पष्ट तर्क नहीं लिया। कोर्ट ने कहा, आप अलग ही लाइन पर चले गए। आपको जो तर्क देने चाहिए थे, वह नहीं दिए। इस पर सिंघवी ने जवाब दिया कि राहुल गांधी कोई दागी या दोषी व्यक्ति नहीं हैं, और उन्हें निचली अदालत में बिना पूर्व सूचना मुकदमे में घसीटना अनुचित है। सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को फिलहाल राहत देते हुए निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी, जिसमें कोर्ट याचिका पर आगे विचार करेगा।