Amazing discovery

नई दिल्ली: स्मार्टफोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम बैटरियों के दिन अब गिने-चुने हो सकते हैं। दुनिया भर में तेजी से खत्म हो रहे लिथियम की जगह अब ऐसे सस्ते और ताकतवर विकल्प सामने आए हैं, जिनकी कल्पना भी नहीं की गई थी और यह सब मुमकिन हुआ है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI की बदौलत।
लिथियम की जगह अब मिलेंगे नए विकल्प
लिथियम, जो अब तक बैटरियों की जान माना जाता था, न केवल तेजी से खत्म हो रहा है बल्कि इसकी कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं। ऐसे में न्यू जर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने AI की मदद से ऐसे विकल्प ढूंढ निकाले हैं जो बैटरियों की दुनिया को पूरी तरह बदल सकते हैं।
AI ने रिसर्चर्स को दिखाया कि लिथियम की जगह मैग्नीशियम, कैल्शियम, एल्यूमिनियम और जिंक जैसे मल्टीवैलेंट मेटल्स इस्तेमाल किए जा सकते हैं। ये न केवल सस्ते और भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं, बल्कि इनमें लिथियम से कहीं ज्यादा चार्ज स्टोर करने की क्षमता है। उदाहरण के तौर पर, लिथियम में जहां एक पॉजिटिव चार्ज होता है, वहीं इन धातुओं में दो या तीन चार्ज ले जाने की क्षमता होती है। यानी, ज्यादा पावर, ज्यादा बैकअप और कम चार्जिंग की ज़रूरत।
नई बैटरियों की राह में एक बड़ी चुनौती
हालांकि इन धातुओं की एक समस्या भी है इनका आयनिक आकार बड़ा होता है, जिससे ये बैटरी के अंदर आसानी से मूव नहीं कर पाते। यानी इनकी गति सीमित हो जाती है, जिससे बैटरी का परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकता है।
AI ने दी समाधान की चाबी
इसी तकनीकी चुनौती को हल करने के लिए वैज्ञानिकों ने AI का सहारा लिया। उन्होंने क्रिस्टल डिफ्यूजन वैरिएशनल ऑटोएनकोडर CDVAE नाम का AI मॉडल तैयार किया, जिसने पांच ऐसे मटीरियल्स की पहचान की, जो बड़े आयनों की मूवमेंट में मददगार साबित हो सकते हैं। इन मटीरियल्स से बनी बैटरियां लिथियम की तुलना में ज्यादा टिकाऊ, सस्ती और बेहतर परफॉर्मेंस देने वाली हो सकती हैं।
कैसे की गई जांच?
इन मटीरियल्स को क्वांटम मैकेनिकल सिमुलेशन और थर्मोडायनामिक टेस्ट के जरिए परखा गया। परिणाम सकारात्मक रहे – इनसे बैटरी बनाई जा सकती है और वह कामयाबी से चार्ज स्टोर कर सकती है। इन सभी पांच संभावित मटीरियल्स मेटल ऑक्साइड आधारित हैं और इन पर अगला रिसर्च चरण जारी है।
फायदे क्या होंगे
सस्ते दाम में बैटरियां
ज्यादा एनर्जी स्टोरेज
लंबा बैकअप
कम चार्जिंग जरूरत
लिथियम पर निर्भरता में कमी
क्या बदलेगा भविष्य में
जैसे ही इन नई बैटरियों का उत्पादन शुरू होगा, न सिर्फ स्मार्टफोन्स, बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेज भी ज्यादा बेहतर और सस्ते बैकअप का आनंद ले पाएंगे। सबसे खास बात अब टेक्नोलॉजी सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग या डिजाइन तक सीमित नहीं, बल्कि AI अब भविष्य के लिए वैज्ञानिक समाधान भी खोज रहा है।