
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्षी महागठबंधन इंडिया ब्लॉक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और गोवा के पहले लोकायुक्त बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को औपचारिक रूप से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। उनके नामांकन पत्र पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव समेत करीब 80 सांसदों ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए।
पूर्व जस्टिस रेड्डी के नामांकन की घोषणा करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वे भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष का यह फैसला लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की रक्षा के लिए है।
धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुआ पद
गौरतलब है कि स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का पद खाली है। इसके बाद सत्ताधारी एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा और एनडीए घटक दलों ने समर्थन के लिए विपक्षी पार्टियों से भी संपर्क साधा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
रेड्डी ने कहा- यह राजनीतिक पद नहीं
नामांकन दाखिल करने से पहले बी. सुदर्शन रेड्डी ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर कहा, कि सुप्रीम कोर्ट के एक साथी न्यायाधीश ने मुझसे पूछा कि मैं राजनीतिक दलदल में क्यों उतर रहा हूं। मैंने जवाब दिया कि मेरा सफर 1971 में एक वकील के रूप में शुरू हुआ था और मौजूदा चुनौती भी उसी सफर का हिस्सा है। उपराष्ट्रपति का पद कोई राजनीतिक संस्था नहीं, बल्कि एक संवैधानिक यात्रा का हिस्सा है।
9 सितंबर को होगा चुनाव
इस पद के लिए 9 सितंबर को मतदान होना तय है। माना जा रहा है कि मुकाबला बेहद कड़ा और दिलचस्प होगा, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।