
नई दिल्ली । भारत में बीते दो दशकों से ज्यादा समय से सीमा पार आतंकवाद फैलाने में जुटे जैश-ए-मोहम्मद ने अब फंडिंग जुटाने के नए तरीके खोज लिए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने उसके ठिकानों पर हमले किए थे। उसका मुख्यालय तक तबाह किया था। अब यह आतंकी संगठन फिर से सिर उठा रहा है और फाइनेंशियल एकशन टास्क फोर्स की नजर न पड़े, इसके लिए भी नए-नए पैंतरे अपना रहा है। इसी कड़ी में अब ई-वॉलेट्स से चंदा वसूली शुरू कर दी है। ऐसा इसलिए ताकि पेमेंट्स को ट्रैक न किया जा सके। पाकिस्तान में प्रचलित ई-वॉलेट्स के के माध्यम से यह रकम अजहर के परिवार के लोगों के खाते में जुटाए जा रहे हैं।
यही नहीं ई-वॉलेट्स पर नए-नए अकाउंट बनाए जा रहे हैं ताकि किसी में भी एक साथ ज्यादा पेमेंट ना आए। इसी के तहत पाकिस्तान में आतंकवाद का नया ढांचा खड़ा हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार आतंकी समूह एक समय में 7 से 8 ई-वॉलेट्स को सक्रिय रखता है। इसके बाद करीब 4 महीने में पुराने अकाउंट्स को बंद कर देता है और फिर हर महीने 30 नए खाते खोले जाते हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर इस बार 3.9 अरब रुपये जुटाने की तैयारी में है। इतना ही नहीं इस रकम से वह पूरे पाकिस्तान में 313 सेंटर बनाने की तैयारी में है।
आतंकी संगठन जैश की तैयारी है कि एक मुख्यालय बनाए, लेकिन उसके साथ तमाम सैटेलाइट सेंटर खोले जाएं। दरअसल इस बार जैश-ए-मोहम्मद भारत के हमलों से बचने के लिए एक ही बड़ा मुख्यालय बनाने की तैयारी में नहीं है। अब आंतकी को लगता है कि नेटवर्क को थोड़ा विस्तृत बनाया जाए। इसी के तहत के कुछ काम वह अंडरग्राउंड ही करेगा। खबर है कि जुटने वाली 3.9 अरब की फंडिंग में से जैश-ए-मोहम्मद 1.23 अरब पाकिस्तानी रुपये अपने ठिकाने तैयार करने के लिए इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा बाकी रकम को हथियारों की खरीद और अन्य ऑपरेशन के लिए करेगा।