
नई दिल्ली । देश के 17वें उपराष्ट्रपति चुनने के लिए 9 सितंबर यानि मंगलवार को वोटिंग होगी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तरफ से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी इंडी गठबंधन की ओर से उम्मीदवार पी सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं। वोटिंग के लिए राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है। मतदान संसद भवन के कमरा नंबर एफ-101, वसुधा में मंगलवार की सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होगा। वोटों की गिनती शाम छह बजे शुरू होगी। उसके बाद विजयी उम्मीदवार की घोषणा की जाएगी।
इस बीच सोमवार का दिन एनडीए और इंडी गठबंधन के लिए काफी गहमागहमी भरा रहा। सुबह 12 बजे इंडी गठबंधन के सांसदों ने मॉक वोटिंग करके के सही मतदान करने की ट्रेनिंग ली। तो शाम तीन बजे संसद परिसर में एनडीए के सांसदों ने कार्यशाला में वोटिंग की बारीकियों से रुबरू हुए ताकि कल मतदान के दिन कोई गलती न हो या फिर कोई वोट गलती से अमान्य न हो ।
दरअसल, उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान गुप्त तरीके से सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के जरिए होता है। मतपत्र सफेद रंग के होते हैं, जिसमें दो कॉलम रहते हैं। एक कॉलम में हिंदी और अंग्रेजी में उम्मीदवारों के नाम और दूसरे कॉलम में वोट देने के लिए जगह खाली रहता है। खाली जगह पर वोटरों को अपनी प्राथमिकता दर्ज करनी होती है।
उपराष्ट्रपति चुनावी मैदान में ये हैं उम्मीदवार
एनडीए की तरफ से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन की ओर से उम्मीदवार पी सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं। सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे हैं और वे तमिलनाडु से आते हैं। वह लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं। इसके अलावा, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वह 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे। वहीं इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी आंध्र प्रदेश से आते हैं। वे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। साल 2013 में गोवा के लोकायुक्त भी रह चुके हैं।
कितने हैं वोटर
17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (अभी 5 सीटें खाली), राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (अभी एक सीट खाली) शामिल हैं। यानि निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं। कुल 782 वोटों में से 48 वोट ऐसे हैं जो न की एनडीए के साथ है और न ही इंडी गठबंधन के साथ। एनडीए के पास चुनाव में जीत के लिए ज़रूरी 391 वोट से 31 वोट ज़्यादा हैं। वहीं, इंडी गठबंधन के पास 312 वोट हैं।