
नई दिल्ली: जहां स्कूल बच्चों को सिर्फ किताबों की नहीं, ज़िंदगी के सबक भी देते हैं. उन्हीं स्कूली बच्चों से जुड़ी ऐसी खबरें आने लगी है, जिनके बारे में सुनकर ही इंसान सहम जाता है. अब दिल्ली के एक स्कूल की छात्रा ने अपनी ही क्लासमेट पर ब्लेड से हमला कर दिया. यह घटना सिर्फ एक मामूली झगड़े का नतीजा नहीं, बल्कि उस गुस्से और हिंसा को भी दर्शाती है, जो कम उम्र के स्कूली बच्चों में भी पनप आई है. दरअसल 9 अगस्त को रोहिणी के अमन विहार इलाके में स्कूल से घर लौट रही 15 वर्षीय छात्रा पर उसकी क्लासमेट और बाहरी लड़कियों के एक ग्रुप ने जानलेवा हमला किया. पीड़िता के चेहरे और कमर पर ब्लेड से किए गए वारों ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया, जहां डॉक्टरों ने 50 से अधिक टांके लगाए.

मामूली बात पर जानलेवा हमला
CCTV में कैद यह वारदात अब यह भी सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या बच्चे स्कूल में क्या कुछ सीख रहे हैं. 12वीं क्लास में पढ़ने वाली एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा पर स्कूल से घर लौटते समय ब्लेड (पेपर कटर) से जानलेवा हमला किया गया. दिल्ली में दिन-दहाड़े हुई यह घटना रोहिणी के थाना अमन विहार इलाके में हुई, जो कि सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. इस हमले में पीड़िता को चेहरे और कमर पर गंभीर चोटें आईं, जिसके लिए उसे लगभग 50 टांके लगाए गए, फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. पुलिस के मुताबिक लड़की पर हमला एक मामूली विवाद की वजह से किया गया.
आखिर हुआ क्या था
टीचर डे सेलिब्रेशन के दिन पीड़िता और उसी स्कूल में पढ़ने वाली एक अन्य छात्रा के बीच विवाद हुआ था. बस इसी झगड़े के बाद, हमलावर छात्रा ने अपनी कुछ सहेलियों, जिनमें स्कूल की और बाहर की करीब आधा दर्जन नाबालिग लड़कियां शामिल थीं, सभी के साथ मिलकर इस हमले की योजना बनाई. सीसीटीवी फुटेज में दिखता है कि पीड़िता अपनी सहेलियों के साथ स्कूल से घर की तरफ जा रही थी, तभी दूसरी स्कूल की कुछ लड़कियों ने पीड़िता को रोका. शुरू में एक पहले कुछ कहासुनी हुई, जो जल्द ही झड़प में तब्दील हो गई.
रास्ते में रोक कर दिया ब्लेड से हमला
इसके बाद हमलावरों ने पीड़िता पर ब्लेड से हमला कर दिया, जिससे उसके चेहरे और कमर पर गहरे घाव हो गए. पुलिस ने बताया कि हमलावर लड़कियों की उम्र 14 से 15 वर्ष के बीच है. इस हमले का मकसद उस दिन हुए विवाद का बदला लेना था. पीड़िता ने बताया कि उसे पहले भी इन लड़कियों द्वारा परेशान किया जाता रहा था, लेकिन उसने उनकी हरकतों को नजरअंदाज करने की कोशिश की थी. पीड़िता ने कहा कि मेरी उनसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी… मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझ पर हमला क्यों किया.
पीड़िता के घरवालों ने क्या कहा
घटना के दो दिन बाद, पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की है. हालांकि पीड़ित परिवार ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने मामले में लीपापोती करने की कोशिश की, लापरवाही बरती और पीड़ित पक्ष को धमकाने का प्रयास किया गया. परिवार का कहना है कि पुलिस ने शुरुआत में उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण FIR दर्ज करने में देरी हुई.