कभी दोनों प्रेम-पुजारी थे, अब इश्क हुआ बदनाम… प्यार की बेवफाई में पुलिस की रुस्वाई

  • नौकरी लगने के बाद तोड़ा था छह साल पुराना रिश्ता
  • पहली आशिकी से दूर नहीं होने की जिद में जेल पहुंचा
  • नहीं मिला कोई भी वैभव नामक क्राइम ब्रांच का दारोगा

कानपुर। सरकारी बैंक में प्राइवेट कर्मचारी मोना (काल्पनिक नाम) के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला पुरानी दोस्ती-यारी का निकला। मुफलिसी के दौर में दोनों एक-दूसरे के लिए प्रेम-पुजारी थे। इसी दरमियान, मेहबूबा को बड़े बैंक में नौकरी मिल गई तो कमाऊ पति के साथ अच्छी-अमीर ससुराल के ख्वाब भी बुनने लगी। अब पुराने निठल्ले दोस्त की जरूरत नहीं थी, लेकिन जिद्दी आशिक अपनी पहली मोहब्बत को अधूरी नहीं छोड़ना चाहता था। इसी नाते आए दिन समझाने-मनाने और सपनों को पूरा करने का वादा लेकर राह घेरता था। बेवफा मोहब्बत ने कई मर्तबा डांटा-धमकाया, लेकिन जिद नहीं टूटी। इसी दरमियान, पहले इश्क का ब्याह तय होने की भनक लगी तो बेरोजगार नौजवान बिखरने लगा। ऐसे में पुराने रिश्तों का हवाला देकर भाई की मोहब्बत को भाभी बनाने की फरियाद लेकर करीबी रिश्तेदार के साथ उसकी बेवफा की चौखट पर पहुंची थी। क्या मालूम था कि, यह फरियाद कानून की नजर में गुनाह बनाने की नीयत थी। सामूहिक दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज हुई और आनन-फानन में गिरफ्तारी। इसके बाद विवेचना में बेवफा इश्क में पुलिस की रुस्वाई की कहानी से पर्दा हटा।

अश्लील वीडियो बनाकर धमकाने के साक्ष्य नहीं
सीसामऊ थाने में चार सितंबर को दर्ज एफआईआर में सरकारी बैंक में प्राइवेट नौकरी करने वाली मोना की मां ने आरोप लगाया था कि, नेहरु नगर का त्रिलोक शर्मा और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर वैभव ने बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया है, और घिनौनी हरकत में त्रिलोक की बहन ने साथ दिया था। आरोपों की फेहरिस्त में दर्ज था कि आरोपियों ने दुष्कर्म का वीडियो बनाकर काफी समय से बेटी का शोषण किया है। शिकायत गंभीर थी, लिहाजा आनन-फानन में त्रिलोक को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया। अलबत्ता तमाम खोजबीन के बावजूद, क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर के बारे में कोई जानकारी नहीं हुई। दुष्कर्म में इंस्पेक्टर का नाम आने से खाकी वर्दी बदनाम हुई तो मुस्तैदी से जांच हुई। मालूम हुआ कि, कानपुर में वैभव नामक कोई इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच अथवा किसी थाने में तैनात नहीं है। ऐसे में मोना के परिवार से वैभव की फोटो मांगी गई, स्क्रैच बनवाने के लिए कहा गया तो ना-नुकुर होने लगी। सवालों के भंवर में साबित हुआ कि, अश्लील वीडियो बनाने का आरोप मनगढ़ंत है।

त्रिलोक की बहन ने प्रेम-कहानी से पर्दा हटाया
एफआईआर में त्रिलोक की बहन का जिक्र था, लिहाजा पूछताछ के लिए बुलाया गया तो असली कहानी सामने आई। उसने बताया कि, कभी दोनों परिवारों में काफी घनिष्ठता थी। भाई भी मोना के काफी करीब था। दोनों एक-दूसरे के साथ जिंदगी के सपने गढ़ने-बुनने में उलझे थे। त्रिलोक का परिवार काफी संपन्न है, लेकिन त्रिलोक के हिस्से सिर्फ बेरोजगारी है। इसी दरमियान, मोना को सरकारी बैक में प्राइवेट नौकरी मिल गई तो परिजनों के समझाने पर निठल्ले दोस्त का साथ छोड़कर कमाऊ पति के लिए रजामंद होने में देर नहीं लगाई। मंगनी होते ही त्रिलोक व्याकुल हो गया। आए दिन राह रोककर पुराने वादे याद दिलाता था, लेकिन वह ठुकराकर निकल जाती थी। बहन को मालूम हुआ तो वह अधूरी मोहब्बत को भाभी बनाने का प्रस्ताव लेकर पहुंच गई। मोना के परिजनों को खतरा महसूस हुआ कि, सख्ती नहीं हुई तो मंगनी टूट जाएगी।

एफआईआर लिखी, लेकिन बयान से परहेज
डीसीपी-सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि, सीसामऊ थाने में 04 सितंबर को एफआईआर दर्ज करने के कुछ घंटे के भीतर त्रिलोक शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। … लेकिन तमाम बुलावे के बावजूद, मोना धारा 164 का बयान दर्ज कराने से परहेज कर रही है। ऐसे में घटना की सत्यतता पर संदेह होना लाजिमी है। उन्होंने कहाकि, अलबत्ता सीसामऊ पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है। साक्ष्यों के आधार पर विवेचना होगी।

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