
समझौते में लिखा-किसी एक देश पर हमला दोनों देशों पर आक्रमण माना जाएगा
इस्लामाबाद । पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को अहम रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। ‘स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ नाम के इस समझौते के तहत यदि किसी एक देश पर हमला होता है तो इसे दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह समझौता पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के दौरान हुआ। पाकिस्तान के पीएम शहबाज अपने राजकीय दौरे पर रियाद पहुंचे थे, जहां सऊदी क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान ने अल-यमामा पैलेस में उनका स्वागत किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी तरह की आक्रामकता दोनों देशों के खिलाफ मानी जाएगी। संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह समझौता आठ दशकों पुराने रिश्तों, भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों पर आधारित है। इसका मकसद रक्षा सहयोग को और गहरा करना और किसी भी हमले के खिलाफ साझा रोकथाम क्षमता को मजबूत करना है। इसमें साफ तौर पर लिखा है कि किसी एक देश पर आक्रामक कार्रवाई दोनों देशों पर आक्रमण मानी जाएगी।
पाकिस्तान की ओर से पीएम शहबाज के साथ विदेश मंत्री इशाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक तारिक फातमी मौजूद थे। यह पीएम शहबाज का एक हफ्ते में खाड़ी क्षेत्र का तीसरा दौरा है। इससे पहले वे कतर दो बार गए। 11 और 15 सितंबर को जहां उन्होंने इजराइल के हमले के बाद अरब-इस्लामिक देशों की आपात बैठक में हिस्सा लिया।
यह समझौता 9 सितंबर 2025 को कतर की राजधानी दोहा में इजराइल के हमले के ठीक एक हफ्ते बाद हुआ, जिससे खाड़ी देशों में अमेरिकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे। सऊदी राजपरिवार के लिए भी यह झटका है, क्योंकि कतर भी अमेरिकी सैन्य अड्डे वाला सहयोगी है। वह अमेरिका के साथ एक नई सैन्य डील चाहता है, जिसमें उसके सुरक्षा की गारंटी हो। सऊदी अरब और ईरान के बीच हाल ही में रिश्ते सामान्य करने की कोशिश हुई थी, लेकिन पाकिस्तान के साथ यह समझौता फिर से ईरान-सऊदी प्रतिस्पर्धा को हवा दे सकता है।
पाक-सऊदी के समझौते पर भारत ने कहा- हम अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार
पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत दोनों में से किसी एक देश पर आक्रमण को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। अब इस समझौते पर भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तैयार है और इस समझौते से पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अध्ययन किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक मीडिया प्रश्न के जवाब में कहा कि भारत सरकार ने इस समझौते से संबंधित खबरों को देखा है और इसे गंभीरता से ले रही है। जायसवाल ने बताया कि सरकार को इस बात की जानकारी थी कि दोनों देशों के बीच इस तरह का समझौता विचाराधीन था, जो अब औपचारिक रूप ले चुका है। उन्होंने कहा, हम इस घटनाक्रम से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेंगे। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस समझौते के संभावित परिणामों का गहन विश्लेषण किया जाएगा ताकि भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर इसका प्रभाव समझा जा सके। यहां दिलचस्प बात ये है कि भारत को इस समझौते की जानकारी पहले से थी। माना जा रहा है कि या तो खुद सऊदी अरब ने भारत को जानकारी दी या फिर किसी अन्य देश ने बताया है। हालांकि इस संदर्भ में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की गई, जिसमें कहा गया कि दोनों में से किसी एक देश के खिलाफ किसी भी तरह के आक्रमण को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत दोनों में से किसी एक देश पर आक्रमण को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इस ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते’पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रियाद की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। यहां अल-यममाह पैलेस में क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने उनका स्वागत किया। हालांकि, सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच इस रक्षा समझौते की विशिष्ट शर्तों और दायरे के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक विवरण सामने नहीं आया है। हस्ताक्षर समारोह के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, लगभग आठ दशकों से चली आ रही साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए तथा भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों के बंधनों पर आधारित दोनों पक्षों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे पहले सऊदी राजधानी पहुंचने पर प्रधानमंत्री शरीफ का स्वागत रियाद के उप-गवर्नर मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन अब्दुलअजीज ने किया।