राहुल को युवाओं पर भरोसा बोले- जेन-जेड ही करेंगे संविधान की रक्षा और रोकेंगे वोटों की चोरी…क्या बीजेपी देगी जवाब?

नई दिल्ली । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारतीय युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा है कि अब भारतीय संविधान की रक्षा और वोट चोरी को रोकने में जेन-जेड बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, देश के युवा, देश के स्टूडेंट्स और देश के जेन-जेड संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं। राहुल का यह बयान वोट चोरी के आरोपों के बीच आया है, लेकिन विपक्षी दल इसे नेपाल में हाल के जेन-जेड आंदोलन से जोड़कर विवाद खड़ा कर सकते हैं, जहां युवाओं के प्रदर्शन ने तख्तापलट को जन्म दिया।

राहुल गांधी इन दिनों वोट चोरी के मुद्दे पर लगातार हमलावर हैं। 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग लोगों के वोट डिलीट कर रहा है, और इसके लिए गलत मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल ने दावा किया, चुनाव आयोग के लोग ही हमें अब यह जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में वोटर लिस्ट में कथित फर्जीवाड़े का जिक्र किया। राहुल के आरोपों पर चुनाव आयोग (ईसीआई) ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। आयोग ने कहा कि राहुल द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत और निराधार हैं। ईसीआई ने स्पष्ट किया, किसी भी आम नागरिक की ओर से ऑनलाइन किसी भी वोट को हटाया नहीं जा सकता। राहुल गांधी ने गलत धारणा बनाई है। आयोग ने आगे कहा कि वोट डिलीट करने से पहले प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिया जाता है, और 2023 में आलंद में ऐसी असफल कोशिश पर स्वयं एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। राहुल का बयान युवाओं को राजनीतिक रूप से सक्रिय करने का प्रयास लगता है, लेकिन नेपाल के उदाहरण ने इसे विवादास्पद बना दिया है। राजनीतिक गलियारों में इस पर बहस तेज हो रही है, जहां एक ओर लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर आंदोलनों के हिंसक परिणामों पर सवाल उठ रहे हैं।

नेपाल में जेन-जेड ने किया था तख्तापलट
राहुल के बयान के संदर्भ में नेपाल का हालिया उदाहरण चर्चा में आ गया है। नेपाल में जेन-जेड का यह आंदोलन इतिहास का पहला ऐसा प्रदर्शन था, जो सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह हिंसक रूप ले लिया, जिसमें 34 से अधिक लोगों की मौत हो गई और हजारों घायल हुए। आंदोलन के बाद नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन हुआ, और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। विपक्षी दल इस घटना का हवाला देकर राहुल के बयान को चुनौती दे सकते हैं, हालांकि राहुल ने शांतिपूर्ण रक्षा पर जोर दिया है।

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