
नई दिल्ली । फ्रांस की विदेश मंत्रालय की महासचिव ऐनी-मारी डेसकोट्स ने हाल ही में भारत दौरे के दौरान इंटरव्यू में भारत और फ्रांस के मजबूत होते रिश्तों पर जोर दिया है। उन्होंने कई प्रमुख क्षेत्रों में दोनों देशों के गहरे होते सहयोग को रेखांकित किया है। उन्होंने राफेल फाइटर जेट डील का विशेष उल्लेख किया, जिसने दोनों देशों के बीच विश्वास की नींव को मजबूत किया है। भविष्य में भारत 114 राफेल फाइटर जेट के लिए एक बड़ा ऑर्डर दे सकता है।
फ्रांसीसी रक्षा कंपनियों ने हाल के वर्षों में भारत की मेक इन इंडिया पहल के तहत निवेश किया है, जिससे स्थानीय उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिला है। इसका एक उदाहरण एचएल और सैफरान का हेलीकॉप्टर इंजनों पर सहयोग है। जनवरी 2024 में राष्ट्रपति मैक्रों के भारत दौरे के दौरान अनुमोदित यह रोडमैप भविष्य में रक्षा सहयोग को और गहरा करने का रास्ता खोलता है। फ्रांस और भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और महत्वपूर्ण सामग्रियों की सप्लाई चेन में सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। इस वर्ष दोनों नेताओं द्वारा अनुमोदित भारत-फ्रांस रोडमैप ऑन एआई द्विपक्षीय परियोजनाओं और बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है। डेसकोट्स ने एक खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ऑपरेशनल सहयोग के बढ़ने पर खुशी व्यक्त की।
फ्रांस एकमात्र यूरोपीय संघ का देश है जिसकी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रिय नौसैनिक मौजूदगी है। पिछले वर्ष फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक समूह ने भारत में दो बार बंदरगाहों का दौरा किया और भारतीय नौसेना के चालक दल ने रीयूनियन द्वीप में फ्रांसीसी समकक्षों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण में भाग लिया था। फ्रांस अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ त्रिपक्षीय प्रारूपों पर भी काम कर रहा है। फ्रांसीसी राजनयिक ने कहा कि अप्रत्याशित समय में, जब टैरिफ का औजार प्रतिकूल होता जा रहा है, फ्रांस और भारत मिलकर विश्व व्यवस्था को स्थिरता और पूर्वानुमानशीलता प्रदान करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारी को गहरा कर सकते हैं।