दिल्ली: सरकारी स्कूल के 4 शिक्षक और प्रिंसिपल सस्पेंड, स्कूल परिसर में शर्मनाक हरकतों का आरोप

नई दिल्ली। दिल्ली शहर में एक सरकारी स्कूल परिसर के 4 शिक्षकों और प्रिसिंपल को निलंबित कर देने का मामला सामने आया है। इन चारों शिक्षकों पर स्कूल परिसर में कई गंदे काम करने के आरोप लगा हैं। इन शिक्षकों पर समय पर कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के आरोप में प्रिंसिपल को भी निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार नगर निगम के एक सरकारी स्कूल परिसर में 4 शिक्षकों को शराब पीकर रंगरेलियां मनाते रहते थे। शिक्षा का महागुरु स्कूल को भी शिक्षकों ने अपने जमे के लिए रंग में भंग डालकर बदनाम कर दिया है। इस मामले की जानकारी मिलते ही निगम के अपर अधिकारियों ने तुंरत जांच कर चारों शिक्षकों और प्रिसिंपल को निलंबित कर दिया गया। बता दें कि चारों शिक्षकों पर स्कूल परिसर में शराब का आनंद लेकर गंदे काम करने का आरोप लगाया गया है। इन शिक्षकों पर स्कूल परिसर में समय पर कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के आरोप में प्रिंसिपल पर कार्रवाई कर निलंबित कर दिया गया है, ये पूरा मामला मंगोलपुरी इलाके स्थित नगर निगम का एक सरकारी स्कूल परिसर का है, जहां स्कूल परिसर में 4 शिक्षकों की जांच करने के बाद निलंबित किया गया है। निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्कूल परिसर में धूम्रपान, शराब पीने और यौन गतिविधियों में लिप्त होने के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद शिक्षकों को निलंबित किया गया है।

इस संबंध में समय पर कार्रवाई न करने और लापरवाही बरतने के आरोप में प्रिंसिपल को भी बख्शा नहीं गया है, क्योंकि स्कूल परिसर की जवाबदेही प्रिंसिपल की होती है। इस स्कूल परिसर में शिक्षकों द्वारा रंगरेलियों का मनोरजन किया जा रहा था, तो प्रिंसिपल द्वारा शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले में 4 पुरुष शिक्षकों और एक महिला कर्मचारी की लिप्त पाई गई है, जिसके बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया।

अधिकारी बताया कि समय पर कार्रवाई न करने और स्कूल परिसर में ऐसी घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रिंसिपल को भी छोड़ा नहीं गया, क्योंकि स्कूल परिसर में कर्मचारी दुर्व्यवहार में संलिप्त पाए गए हैं। विभाग को कुछ वीडियो प्राप्त हुए हैं, जिनसे स्कूल परिसर में उनकी अनुचित गतिविधियों का खुलासा हुआ है, जिसको ध्यान में रखते हुए विभाग टीम द्वारा जांच शुरू की गई, उन्होंने कहा कि अनुशासन बनाए रखने और छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

आपको बता दें कि यह स्कूल का कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी नजफगढ़ के पालम गांव में स्थित निगम के सरकारी स्कूल परिसर में प्रिंसिपल दशरथ कुमार को भ्रष्टाचार के आरोप में आयुक्त अश्विनी कुमार द्वारा निलंबित किए जा चुके हैं, क्योंकि प्रिंसिपल द्वारा एक शिक्षक से पैसे लेकर पोस्टिंग करने के मामले में निलंबित किए गए थे, उन्होंने शिक्षक से नियुक्ति स्वीकृत करने के नाम पर 30,000 हजार रुपये की मांग की गई थी, साथ ही शिक्षक द्वारा विरोध करने पर प्रिंसिपल ने नियुक्ति न करने की धमकी दी गई थी, जिस समय आयुक्त अश्विनी कुमार को प्रिंसिपल द्वारा रिश्वत लेने की भनक हुई थी, तो आयुक्त ने बिना देरी करे प्रिंसिपल को तुंरत निलंबित कर दिया था। निगम आयुक्त अश्विनी कुमार का लक्ष्य है कि नगर निगम विभाग को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना है, जिसको ध्यान में रखते हुए आयुक्त ने अपने स्तर से भ्रष्ट अधिकारियों ओर कर्मचारियों की जन्म कुंडलियों को खंगालकर कर निलंबित कर चुके हैं, लेकिन फिर भी भ्रष्ट अधिकारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं।

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