ऑनलाइन दोस्ती पड़ी भारी, दरोगा को महिला ने हनीट्रैप में फंसाया…कोर्ट के आदेश पर एफआईआर

कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज

मुरादाबाद । सोशल मीडिया की दुनिया अब सिर्फ जुड़ाव का जरिया नहीं रही, बल्कि ये प्लेटफॉर्म कई बार धोखे और अपराध की नई कहानी भी लिख रहा है। मुरादाबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने पुलिस महकमे को भी हिलाकर रख दिया है। दरअसल, फेसबुक पर एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करना एक दरोगा को भारी पड़ गया। मामला इतना संगीन हो गया कि दरोगा को कोर्ट का रुख करना पड़ा, जहां से आदेश मिलने के बाद अब आरोपी युवती के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मुरादाबाद की रिजर्व पुलिस लाइन निवासी एक दरोगा ने कोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि कुछ महीने पहले उनके फेसबुक अकाउंट पर मेरठ जिले के ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र स्थित शिवशक्ति नगर निवासी बाबूराम सैनी की 42 वर्षीय पुत्री निशा सैनी ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी।

पहले तो दरोगा ने वह रिक्वेस्ट अस्वीकार कर दी, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। दरोगा द्वारा याचिका में दी गई जानकारी के अनुसार, महिला ने फेसबुक के जरिए अपनी आर्थिक मजबूरियां बताकर धीरे-धीरे उनसे पैसे लेने शुरू कर दिए। शुरुआत में तो दरोगा ने मदद के तौर पर कुछ रकम भेजी, लेकिन जब महिला की डिमांड लगातार बढ़ती गई और एक दिन उसने बड़ी रकम की मांग की, तो दरोगा ने पैसे देने से इंकार कर दिया।
पैसे देने से मना करने पर युवती ने दरोगा को धमकाना शुरू कर दिया। उसने झूठे मुकदमे में फंसाने, छवि खराब करने और यहां तक कि जान से मारने की धमकी तक दे डाली। पीड़ित दरोगा ने खुद को ब्लैकमेल किए जाने और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की बात कोर्ट में कही।

कोर्ट ने दरोगा की याचिका को गंभीरता से लेते हुए थाना सिविल लाइन पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपी महिला निशा सैनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली), 386 (जान से मारने की धमकी के साथ वसूली), और 506 (धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

जांच में खुलेंगे और राज, पुलिस सतर्क
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर दर्ज की गई एफआईआर को गंभीरता से लिया गया है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पीआरओ रह चुके हैं दरोगा, पुलिस महकमा सकते में

बताया जा रहा है कि पीड़ित दरोगा पहले कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पीआरओ के तौर पर भी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे अनुभवी पुलिसकर्मी को हनीट्रैप में फंसाने की यह वारदात पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल लाइन पुलिस चौकन्नी हो गई है। सोशल मीडिया पर आंख मूंदकर रिश्ते बनाना कितना भारी पड़ सकता है, इसका ताजा उदाहरण मुरादाबाद का यह मामला है। एक दरोगा जैसे जिम्मेदार अधिकारी को भी जब निशाना बनाया जा सकता है, तो आम नागरिकों को और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हनीट्रैप के इस खेल में अब तकनीक का इस्तेमाल कर ब्लैकमेलिंग का नया जाल बुना जा रहा है, जिसे समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है।

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