रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई से तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई। यह क्षण न केवल उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है।
विश्व की सबसे तेज और सटीक सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली ब्रह्मोस अब लखनऊ में बनेगी। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की यह इंटीग्रेशन एंड टेस्ट सुविधा 11 मई को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालित हुई थी, और अब पहली मिसाइल खेप तैयार होकर देश की रक्षा क्षमता में नया अध्याय जोड़ चुकी है।
#WATCH | Uttar Pradesh | Defence Minister Rajnath Singh and UP CM Yogi Adityanath flag off the first batch of BrahMos missiles produced at the BrahMos Aerospace unit in Lucknow. pic.twitter.com/2F09XlfCTN
— ANI (@ANI) October 18, 2025
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा —
“आज का दिन उत्तर प्रदेश की जनता और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। लखनऊ अब डिफेंस सेक्टर का अहम केंद्र बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर ने साबित किया कि अब जीत भारत की आदत बन चुकी है। दुनिया ने हमारी ताकत को स्वीकार किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्मोस तीनों सेनाओं की रीढ़ है और इस यूनिट के जरिए भारत ने फिर साबित किया है कि वह आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का निरीक्षण किया और ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का डेमो भी देखा। कार्यक्रम के दौरान महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राजस्व से जुड़ा चेक और जीएसटी बिल सौंपा, जिससे राज्य सरकार को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
#WATCH | Uttar Pradesh | Defence Minister Rajnath Singh and UP CM Yogi Adityanath plant a sapling in the premises of the BrahMos Aerospace unit in Lucknow. pic.twitter.com/XDgPEQrhvi
— ANI (@ANI) October 18, 2025
लखनऊ स्थित ब्रह्मोस इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे का पहला प्रतिष्ठान है, जहां मिसाइल निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया देश में की जा रही है। यह परियोजना न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए द्वार भी खोल रही है।