
कुशीनगर: जिले के फाजिलनगर में मंगलवार रात सड़क हादसे में नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी की मौत हो गई. बघौचघाट मोड़ पर एक स्कार्पियो ने बाइक सवार तीन लोगों को टक्कर मार दी. इसमें बाइक सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकी दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में उसकी पहचान हत्याकांड के सुखदेव यादव के रूप में हुई. पुलिस ने स्कार्पियो को कब्जे में ले लिया है और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है.
चौराखास थाना क्षेत्र के तरुवनवा के कुम्भिया टोला निवासी सुखदेव यादव (55) 2002 के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी पाया गया था. सुखदेव 20 साल की सजा काटने के बाद चार महीने पहले ही जेल से निकला था.
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार रात लगभग 10 बजे सुखदेव अपने गांव के विजय गुप्ता (45) और भागवत सिंह (50) के साथ एक रिश्तेदार के यहां से बाइक पर घर लौट रहे थे. तीनों एक ही बाइक पर सवार थे. फाजिलनगर कस्बे के बघौचघाट मोड़ पर तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक को टक्कर मार दी. टक्कर के बाद स्कार्पियो डिवाइडर से टकरा गई. हादसे में सुखदेव यादव की मौके पर ही मौत हो गई.
विजय गुप्ता और भागवत सिंह गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें सीएचसी फाजिलनगर ले जाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. चौकी प्रभारी मधुरिया ब्रह्मा उपाध्याय ने बताया कि टक्कर मारने वाला वाहन पुलिस के कब्जे में है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. तहरीर मिलने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है नीतीश कटारा हत्याकांड
25 साल के नीतीश कटारा की दिल्ली में 17 फरवरी 2002 को हत्या कर दी गई थी. आरोप राजनेता डीपी यादव के बेटे विकास यादव पर लगा था. नीतीश का विकास की बहन भारती यादव से प्रेम संबंध पाया गया. निचली अदालत ने हत्या को आनर किलिंग माना, क्योंकि परिवार को उनका रिश्ता स्वीकार नहीं था. कोर्ट ने विकास और विशाल यादव को दोषी पाया. 30 मई 2008 को निचली अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई.
2 अप्रैल 2014 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. 9 सितंबर 2015 को सर्वोच्च न्यायालय ने विशाल और विकास यादव को मौत की सजा की मांग करती नीलम कटारा की याचिका को खारिज कर दिया.









