
– एसटीएफ की दो जिलों में बड़ी कार्रवाई
– अफसर, कर्मचारी, दलाल की मिलीभगत से वर्षों से चल रहा था करोड़ों की वसूली का खेल
विवेक मिश्र
लखनऊ/फतेहपुर । उत्तर प्रदेश में ओवरलोड ट्रकों और मौरंग–गिट्टी के अवैध कारोबार पर एसटीएफ ने दो जिलों में एक साथ बड़ी कार्रवाई की है। रायबरेली और फतेहपुर में अलग-अलग जांच के बाद एआरटीओ, खान अधिकारी, पीटीओ, ड्राइवर, गनर और दलालों समेत कुल 17 लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। दोनों जिलों में फैले इस नेटवर्क का खुलासा तब हुआ जब एसटीएफ ने ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करने वाले दो अलग-अलग गिरोहों को धर दबोचा। कार्रवाई से दोनों जिलों के परिवहन और खनन विभागों में हड़कंप मच गया है।
– फतेहपुर में खनन अधिकारी और आरटीओ ड्राइवर के खिलाफ केस, दो गिरफ्तार
फतेहपुर जिले की सीमा से मौरंग और गिट्टी लदे ट्रकों को “सुरक्षित पास” कराने वाले गिरोह को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने पकड़ लिया। एसटीएफ इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने मंगलवार/बुधवार की रात थरियांव थाने में खनन अधिकारी देशराज पटेल, उनके गनर राजू, आरटीओ/पीटीओ के ड्राइवर बबलू पटेल, लोकेशन देने वाला धीरेंद्र सिंह, ट्रक चालक विक्रम और मुकेश तिवारी के खिलाफ केस दर्ज कराया। जांच में पता चला कि गिरोह ओवरलोड और बिना रवन्ना वाले वाहनों को जिले की सीमा पार कराने के एवज में 7000 प्रति ट्रक वसूलता था।इसमें से 5000 प्रति ट्रक सरकारी कर्मचारियों को पहुंचाए जाते थे। एसटीएफ ने मौके से लोकेटर धीरेंद्र सिंह और ट्रक चालक विक्रम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। टीम ने एक ओवरलोड ट्रक भी कब्जे में लिया, जिसमें मौरंग लदी थी लेकिन कोई रवन्ना नहीं था। धीरेंद्र ने पूछताछ में खनन विभाग और आरटीओ/पीटीओ कार्यालय के कर्मचारियों से सांठगांठ की बात स्वीकार की है जिसके साक्ष्य भी एसटीएफ को मिले हैं ! खबर है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद खनन अधिकारी के निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, जबकि गनर और ड्राइवर की गिरफ्तारी भी किसी भी वक्त संभव है।

– रायबरेली में फतेहपुर के एआरटीओ, पीटीओ और उनके स्टाफ समेत 11 पर केस
दूसरी कार्रवाई रायबरेली में हुई, जहां ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली के रैकेट का पर्दाफाश हुआ।
एसटीएफ उपनिरीक्षक अमित कुमार तिवारी ने लालगंज कोतवाली में एआरटीओ ( फतेहपुर और रायबरेली ), पीटीओ, उनके चालक, दीवान, दलाल और ट्रक चालक समेत 11 लोगों पर केस दर्ज कराया। नामजद आरोपियों में मोहित सिंह (अंबारा पश्चिम, रायबरेली), सुनील यादव (ट्रक चालक, अयोध्या), एआरटीओ फतेहपुर पुष्पांजली, उनका चालक सिकंदर, पीटीओ फतेहपुर अखिलेश चतुर्वेदी, उनका चालक अशोक तिवारी, एआरटीओ रायबरेली अंबुज, उनका दीवान नौशाद, पीटीओ रायबरेली रेहाना, उनका चालक सुशील और मिथुन शामिल हैं।एसटीएफ ने मोहित सिंह और ट्रक चालक सुनील यादव को गिरफ्तार किया है। मोहित के पास से 4270 रुपये, तीन मोबाइल, सात बैंक कार्ड, पैन–आधार कार्ड, पासबुक और स्कार्पियो गाड़ी बरामद की गई। वहीं सुनील यादव से 1500 रुपये और एक मोबाइल मिला है।

– हर ट्रक पर तय थी दर – किसे कितना जाता था हिस्सा
पूछताछ में मोहित ने खुलासा किया कि रायबरेली–फतेहपुर मार्ग से गुजरने वाले ट्रकों से हर माह अवैध वसूली की जाती थी। मोहित के पास 141 ट्रकों की सूची मिली, जिनसे “पास कराने” के नाम पर रकम वसूली जाती थी। वह बैंक के जरिए यह पैसा विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाता था।
एसटीएफ के मुताबिक एआरटीओ फतेहपुर पुष्पांजली के चालक सिकंदर को 2500 प्रति गाड़ी प्रति माह। पीटीओ फतेहपुर अखिलेश चतुर्वेदी के चालक अशोक तिवारी को 2500 प्रति गाड़ी प्रति माह नकद। एआरटीओ रायबरेली अंबुज के दीवान नौशाद को ₹3500 प्रति गाड़ी प्रति माह। पीटीओ रायबरेली रेहाना के चालक सुशील को 1500 प्रति गाड़ी प्रति माह। मोहित खुद 500 प्रति गाड़ी अपने पास रखता था। गिरोह का संचालन मोहित और उसके साथी मिथुन करते थे, जो ओवरलोड वाहनों की सूची संबंधित अधिकारियों को भेजते थे ताकि चालान न काटा जाए।
– दोनों जिलों की कार्रवाई से सरकारी विभागों में हड़कंप
दोनों एफआईआर के बाद परिवहन और खनन विभागों में खलबली मच गई है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेटवर्क एक-दूसरे से जुड़े हो सकते हैं, क्योंकि फतेहपुर से गुजरने वाले ओवरलोड वाहन रायबरेली मार्ग से भी होकर जाते हैं। जांच में दोनों जिलों के सरकारी कर्मचारियों, दलालों और ट्रक मालिकों की संलिप्तता की कड़ी जोड़ने की तैयारी है।
एसटीएफ अब बैंक खातों, मोबाइल चैट्स और पैसों के लेन-देन की जांच कर रही है। एसटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार: “दो जिलों में फैले इस अवैध नेटवर्क का पूरा वित्तीय रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। कई बड़े नाम अभी सामने आने बाकी हैं।”











