
नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को ‘भारत-जॉर्डन बिजनेस मीट’ को संबोधित करते हुए खेती, स्वास्थ्य और डिजिटल समावेशन के क्षेत्र में सहयोग का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसर दोनों देशों को आपस में जोड़ते हैं।
भारत-जॉर्डन व्यापार मंच में आज प्रधानमंत्री किंग अब्दुल्ला द्वितीय और उनके युवराज अल-हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय के साथ शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भारत और जॉर्डन के बीच व्यापार, व्यवसाय और निवेश संबंधों को और मजबूत करने के क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।
बिजनेस मीट में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विकास दर 8 प्रतिशत से ऊपर है। यह विकास गति उत्पादकता संचालित प्रशासन और नवाचार संचालित नीतियों का नतीजा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को शुष्क जलवायु में खेती का बहुत अनुभव है। यह अनुभव जॉर्डन में बड़ा बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा कि हम सुव्यवस्थित खेती और माइक्रो सिंचाई जैसे समाधान पर काम कर सकते हैं। कोल्ड चैन, फूड पार्क और स्टोरेज सुविधा बनाने में भी हम मिलकर काम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र को रणनीति प्राथमिकता का क्षेत्र बताते हुए कहा कि जॉर्डन में भारतीय कंपनियां मेडिसिन बनाएं, मेडिकल डिवाइस बनाएं। इससे जॉर्डन के लोगों को फायदा होगा। साथ ही पूर्वी एशिया और अफ्रीका के लिए भी जॉर्डन एक भरोसेमंद हब बन सकेगा।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक को भारत ने समावेश और कार्यदक्षता का मॉडल बनाया है। हमारे यूपीआई आधार, डिजिटल लॉकर जैसे फ्रेमवर्क आज वैश्विक मानक बनकर उभरे हैं। उन्होंने जॉर्डन के नेतृत्व के साथ इन फ्रेमवर्क को जॉर्डन के सिस्टम से जोड़ने पर चर्चा की।















