भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर शिकंजा, प्रत्यर्पण में अब कोई अड़चन नहीं…

भारत के भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट, कोर्ट ऑफ कैसेशन, ने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के खिलाफ मेहुल चोकसी की अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने चोकसी द्वारा उठाए गए सभी तर्कों को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के इस दृष्टिकोण का समर्थन किया है कि भारत में न्याय से वंचित किए जाने, यातना दिए जाने या अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार किये जाने के चोकसी के दावे निराधार हैं.

चोकसी पर 104 यूरो का जुर्माना लगाते हुए, कोर्ट ने ‘एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील’ के अभियोग कक्ष के उस दृष्टिकोण को बरकरार रखा, जिसमें यह कहा गया था कि चोकसी द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेज यह साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं कि उसे भारत में न्याय से वंचित किए जाने या यातना दिये जाने या अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार किये जाने का वास्तविक व गंभीर खतरा है.

चोकनी ने क्या चाल चली थी?

चोकसी ने अभियोग कक्ष के फैसले का विरोध करते हुए दलील दी थी कि एंटीगुआ से उसका कथित अपहरण करने की कोशिश हुई थी. उसने इस कथित घटना पर इंटरपोल की फाइल नियंत्रण आयोग (CCF) की राय, मीडिया में हुई कवरेज और बेगुनाह माने जाने के सिद्धांत के उल्लंघन का हवाला दिया. इन आधारों पर उसने भारत में निष्पक्ष सुनवाई न मिलने की आशंका जताई.

CCF ने चोकसी की अपील के आधार पर नवंबर 2022 में इंटरपोल रेड नोटिस सूची से उसका नाम हटा दिया था. CCF इंटरपोल का एक स्वतंत्र निकाय है जो इंटरपोल सचिवालय के ‘नियंत्रण में नहीं’ है और इसमें मुख्य रूप से विभिन्न देशों के निर्वाचित वकील कार्यरत हैं, जहां लोग उन्हें भगोड़ा घोषित करने के निर्णयों को चुनौती दे सकते हैं. चोकसी ने दलील दी थी अभियोजक ने एंटीगुआ से उसके कथित अपहरण की कोशिश से जुड़े मामले में इंटरपोल की CCF के निष्कर्षों की जानकारी एंटवर्प जिला अदालत की पूर्व सुनवाई कक्ष से छिपाई गई थी, लेकिन इस तर्क को भी बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट का समर्थन नहीं मिला.

‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ ने अभियोग कक्ष के फैसले में कोई खामी नहीं पाई. अभियोजन कक्ष ने 29 नवंबर, 2024 के एक निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया गया था. निचली अदालत के इसी फैसले से चोकसी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हुआ था.

चोकसी पर क्या आरोप हैं?

चोकसी जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से भाग गया था, जिसके कुछ दिन बाद पीएनबी में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला था. CBI ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में से अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है.

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