यूपी एटीएस ने मुंबई पुलिस के सहयोग से गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान को मुंबई एयरपोर्ट पर बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। उन पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
13 दिसम्बर को अलीगढ़ सिविल लाइन थाने में डॉक्टर कफील खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने 12 दिसम्बर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया। कफील ने अपने भाषण में कहा था- ‘ मोटा भाई हर किसी को हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहा है, लेकिन एक इंसान नहीं।
आरएसएस के अस्तित्व में आने के बाद से वह संविधान में विश्वास नहीं करता। सीएए मुसलमानों को दूसरी श्रेणी का नागरिक बनाता है और बाद में उन्हें एनआरसी के कार्यान्वयन के साथ परेशान किया जाएगा।’ इस शिकायत के बाद कफील भूमिगत हो गया था। मुंबई में गिरफ्तारी के बाद देररात उसे सहार पुलिस स्टेशन में रखा गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एएमयू में 12 दिसंबर को बाब-ए-सैयद गेट पर करीब 600 छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. खान ने बिना नाम लिए कहा कि मोटाभाई’ सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं, लेकिन इंसान बनना नहीं। उन्होंने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। खान ने कहा था कि CAA मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा। उसने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।।
Maharashtra: Uttar Pradesh Special Task Force arrested doctor Kafeel Khan from Mumbai.He was suspended from Gorakhpur's BRD medical college&is accused of making instigating remarks at Aligarh Muslim University (UP) during protest against Citizenship Amendment Act on 12 Dec,2019
— ANI (@ANI) January 29, 2020
इसके अतिरिक्त खान ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उसने कहा कि CAA लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। एफआईआर में कहा गया कि खान ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश की। डॉक्टर कफील खान 2017 में गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आया था। इस मामले में वह सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और करीब 7 महीने तक जेल में भी रहा। अप्रैल 2018 में हाई कोर्ट ने उसे जमानत दी थी। अपने निलंबन को लेकर चल रही जॉंच को भी उसने कोर्ट में चुनौती दी थी।