आजमगढ़ । जिले के बिलरियागंज में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और नागरिकता जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर विगत बुधवार विरोध प्रदर्शन और उपद्रव के बाद राजनीति भी गरमा गयी है। एक तरफ समाजवादी ने पुलिस कार्रवाई पर सरकार को घेरा तो वहीं कांग्रेस ने शनिवार को सपा मुखिया व आजमगढ़ सांसद अखिलेश सिंह यादव के खिलाफ पोस्टर वार शुरू कर दी है। इसमें अखिलेश के लापता होने की बात करते हुए जगह-जगह पोस्टर चिपकाए गए हैं।
नगर के सिविल लाइन स्थित कांग्रेस के जिला कार्यालय और भाजपा के नगर कार्यालय के नीचे आज अखिलेश के लापता होने के पोस्टर चिपके दिखाई दिए। प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की ओर से शहर में ये पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर पर अखिलेश यादव की तस्वीर के मुंह पर पट्टी लगाई गई है। इसमें सवाल किया है कि सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन के दौरान बिलरियागंज में मुस्लिम महिलाओें पर पुलिस बर्बरता पर अखिलेश यादव क्यों चुप हैं?
अखिलेश यादव 2019 के चुनावों के बाद से आजमगढ़ से लापता हैं। वहीं कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता नदीम का कहना है कि मुसलमानों के रहनुमा होने का दावा करने वाले और उनके अस्सी फीसदी वोट लेने वाले अखिलेश यादव यहां के सांसद है, तब भी वे यहां महिलाओं पर हुए अत्याचार के खिलाफ केवल ट्वीट कर रहे हैं। नेताओं ने कहा कि इससे काम नहीं चलने वाला है।
हालांकि अखिलेश यादव ने 05 फरवरी की शाम ट्वीट कर पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि हर मंच से गोली की बात करने वाले संवैधानिक मूल्यों की बात कब करेंगे? शांतिपूर्वक धरना लोगों का संवैधानिक अधिकार है। आजमगढ़ में पुलिस ने बर्बरता की सभी हदें पार कर दी और मैं इसकी घोर निंदा करता हूं! पार्टी के विधायक और संगठन बिलरियागंज में लोगों की सेवा कर रहे हैं। इसके बाद भी अखिलेश का अपने संसदीय क्षेत्र से दूरी बनाये रखना विपक्ष को पसन्द नहीं आ रहा है और वह इस मुद्दे पर उन्हें घेरने में जुट गया है।
वहीं सपा मुखिया के निर्देश पर पार्टी के सात सदस्यीय कमेटी आज बिलरियागंज पहुंचेगी। इसके बाद अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसे उन्हें सौंपेगी। जांच कमेटी में पूर्व मंत्री व विधायक दुर्गा प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा, नफीस अहमद विधायक, संग्राम सिंह विधायक, सुभाष राय विधायक, रामजतन राजभर एमएलसी तथा राकेश कुमार उर्फ गुड्डू एमएलसी हैं।