रायवाला। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की अपराध खुफिया शाखा ने टिकट दलाली कर रहे एक सीएससी सेंटर संचालक को पकड़ा है। आरोपी ने अवैध रूप से ई-टिकट का व्यापार करते हुए पर्सनल, इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) यूजर आईडी के माध्यम से कई ई-टिकट बुक किए।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार देर रात को मुरादाबाद से आई स्पेशल टीम ने रायवाला में हनुमान चौक स्थित एक सीएससी सेंटर पर छापा मारा।
सेंटर में बिना रेलवे या आइआरसीटीसी की अनुमति के ही रेल टिकट बनाने का चल रहा था। इस दौरान सीएससी सेंटर से कई रेल टिकटें और हजारों रुपये नगदी भी मिली। जिसे टीम ने जब्त कर लिया। जिस कम्प्यूटर सिस्टम से टिकट बुक किये जा रहे थे उसे भी प्रिंटर सहित कब्जे में लिया गया है। टीम ने जांच में पाया कि सीएससी संचालक अब तक पर्सनल आईडी से सैकड़ों टिकट बुक कर चुका है। आरोपी से पूछताछ के दौरान यह खुलासा भी हुआ कि रायवाला में अन्य लोग भी इस तरह का अवैध कारोबार करते हैं। वहीं आरोपी को टीम देहरादून ले गयी। वहीं स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
रायवाला के थानाध्यक्ष हेमंत खंडूरी ने इस तरह की जानकारी से इंकार किया। वहीं जब जीआरपी थाना हरिद्वार से जानकारी लेने पर बताया गया कि मामला देहरादून क्षेत्र का है। रेलवे नियमों के अनुसार अगर पर्सनल आईडी से बुक ना किया गया हो तो संबंधित यात्री को भी परेशान होना पड़ सकता है। आरआरसीटीसी द्वारा अपने अधिकृत एजेंटों को एजेंट लॉगिन दिया जाता है वह उसी आईडी से टिकट बुक कर सकते हैं। पर्सनल आईडी से टिकट बुक करना अपराध नहीं है लेकिन उस टिकट को बुक करके बेचना अपराध है।
ऐसे टिकट खरीदने से यात्री हो सकते हैं परेशान
दरअसल आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट व साइबर कैफे संचालक यात्रियों को एजेंट आईडी की जगह पर्सनल आईडी से ई-टिकट बुक करके दे रहे हैं। रेलवे एक्ट के तहत पर्सनल आईडी से टिकट बुककर बेचना अपराध के दायरे में आता है, ऐसे मामले में पकड़े जाने पर एजेंट व दलाल को जेल तो भेजा ही जाता है। उसके द्वारा पर्सनल आईडी से बुक टिकट भी रद्द कर दिए जाते हैं। ऐसे में जिन यात्रियों के टिकट एजेंट द्वारा पर्सनल आईडी से बनाए गए हैं उनकी यात्रा प्रभावित हो सकती है।