लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों की लापरवाही से चार में से तीन बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौत वार्ड में शिफ्ट करते वक्त ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई। प्रशासन ने दावा किया कि जिस बच्चों की मौत हुई वह निमोनिया से पीड़ित थे।
परिजन ने लगाया आरोप
परिजनों का कहना है कि एक ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर 4 बच्चों को ट्रॉमा सेंटर से बाल विभाग में शिफ्ट किया जा रहा था। इसी दौरान इनमें से तीन बच्चों की मौत हो गई। परिजनों ने वार्ड बॉय से आग्रह किया था कि वो एक-एक कर बच्चों को बाल विभाग में शिफ्ट करे, लेकिन वार्ड बॉय ने उनकी एक न सुनी । वार्ड ब़ॉय अपनी जिद पर अड़ा रहा। उसने चारों बच्चों को एक साथ एक ही सिलेंडर से ऑक्सीजन देते हुए शिफ्ट कर रहा था।
शिफ्ट करते समय बच्चों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली
जिसके बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई। चार में तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई। वहीं इस मामले पर केजीएमयू के प्रवक्तता डॉ सुधीर का कहना है कि एक सिलेंडर पर चार बच्चों को ले जाने की बात गलत है। सिर्फ 3 महीने के बच्चे की हार्ट अटैक के चलते मौत हुई है। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी नहीं हैं। इससे पहले केजीएमयू में कर्मचारियों और एमबीबीएस छात्रों के बीच विवाद ने दो लोगों की जान ले ली थी। गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे से शाम 6 बजे के बीच इलाज न मिलने से अयोध्या से आई लविता (13 माह) और कुशीनगर के जैनुलआबदीन (16) की मौत हो गई थी।