नई दिल्ली । उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अब तक 712 एफआईआर दर्ज की हैं और कुल 213 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अभी गिरफ्तारी का आंकड़ा और बढ़ेगा। तीन हजार से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की गई है। पुलिस ने लोगों से हिंसा से सम्बंधित वीडियो भेजने की अपील की थी जिस पर पुलिस को बड़ी संख्या में लोगों ने वीडियो भेजे हैं। इनसे कई मामलों को सुलझाने में मदद मिली है। कई मामलों में सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपितों की पहचान कर ली गई है। फिलहाल हिंसा प्रभावित रहे इलाकों में शांति है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने गुरुवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद पुलिस द्वारा उठाये गए क़दमों के बारे में आधिकारिक जानकारी देने के लिए प्रेस कान्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दंगे में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से फेस रिकॉग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें पुलिस की तरफ से लोगों के लाइसेंस, पहचान पत्र और सरकारी दस्तावेज पर मौजूद तस्वीर को डाला गया है। हिंसा में शामिल लोगों की फुटेज से इसका मिलान किया जा रहा है। इससे अब तक 1000 से ज्यादा उपद्रवियों की पहचान हो चुकी है लेकिन इसके साथ ही और भी साक्ष्य जुटाने का काम किया जा रहा है। मजबूत साक्ष्य आने के बाद ही इनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
इन लोगों की भी हो रही गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार हिंसा के दौरान सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वाले लोगों के खिलाफ भी एक्शन लिया जा रहा है। अब तक आईटी एक्ट की 25 से ज्यादा एफआईआर दर्ज कर 20 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अवैध हथियार को लेकर 51 एफआईआर दर्ज करके 54 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रवक्ता की तरफ से अपील की गई है कि लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। असामाजिक तत्व दोबारा ऐसी कोशिश कर सकते हैं। लोगों से अपील है कि वह सोशल मीडिया पर भेजे गए वीडियो को भी बिना सत्यापन के सच न मानें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अभी तक किसी की एफआईआर दर्ज नहीं हुई है तो वह उत्तर-पूर्वी जिला डीसीपी कार्यालय के हेल्प डेस्क पर जाकर अपनी शिकायत दे सकते हैं।